हरियाणा में भाजपा सरकार के अधिकांश मंत्रियों पर हार का खतरा

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नई दिल्ली।हरियाणा में चुनाव के नतीजे क्या रहने वाले हैं, यह कुछ ही देर में पता चल जाएगा, लेकिन मतदान के रुख और लोगों के रुझान को देखकर लग रहा है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों का चुनाव इस बार बुरी तरह से फंसा हुआ है। मुख्यमंत्री के अपनी सीट से बड़े अंतर से चुनाव जीतने की संभावना है, लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सिर्फ दो मंत्रियों पंडित मूलचंद शर्मा और महिपाल ढांडा को ही सेफ जोन में मानकर चला जा रहा है। विधानसभा के निवर्तमान स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता और निवर्तमान उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की सीट भी फंसे हुई है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मंत्रिमंडल में बिजली मंत्री रहे और भाजपा से बागी होकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले रणजीत चौटाला को रानिया सीट पर इनेलो प्रत्याशी अर्जुन चौटाला से तगड़ी टक्कर मिल रही है। विधानसभा के निवर्तमान स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला में कड़े मुकाबले में में फंसे हुए हैं। यहां कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई की भारी मतों जीत की संभावना जताई जा रही है। निवर्तमान डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवार हिसार के बरवाला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के रामनिवास घोड़ेला और इनेलो की संजना सातरोड़ से तिकोने मुकाबले में फंसे हुए हैं।

इसी प्रकार पूर्व वित्त मंत्री जेपी दलाल की सीट भी फंसी हुई है। वहां कांग्रेस के राजबीर सिंह फरटिया से दलाल को कड़ी टक्कर मिल रही है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. कमल गुप्ता की हिसार में हार तय मानी जा रही है। यदि कमल गुप्ता चुनाव जीतते तो यह उनकी हैट्रिक होती। भाजपा की बागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी याशी तथा पूर्व निकाय मंत्री सावित्री जिंदल ने कमल गुप्ता के सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए हैं। कांग्रेस के रामनिवास राड़ा, नगर निगम के मेयर रहे गौतम सरदाना और भाजपा के तीसरे बागी तरुण जैन से भी गुप्ता को कड़ी चुनौती मिली है, जिसका लाभ सावित्री जिंदल को होता दिखाई दे रहा है। कुरुक्षेत्र विधानसभा में शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के सामने कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा की जीत की राह आसान लग रही है। सुधा का हैट्रिक का सपना अरोड़ा तोड़ते दिखाई दे रहे हैं।

पानीपत ग्रामीण में कांग्रेस के सचिन कुंडू से टक्कर मिल रही है, लेकिन एक्जिट पोल बताते हैं कि ढांडा कुछ मतों के अंतर से चुनाव जीत सकते हैं। खेल एवं वन राज्य मंत्री संजय सिंह को भाजपा ने इस बार उनके सोहना क्षेत्र के बजाय नूंह में उतारा था, जहां उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी आफताब अहमद से जीतना मुश्किल लग रहा है। हलका बदलना संजय सिंह को महंगा पड़ता दिख रहा है।