दिल्ली-आगरा हाइवे पर पलवल एरिया में गदपुरी टोल के पास गोली लगने से जख्मी 12वीं के छात्र आर्यन की मौत हो गई थी। कार सवार 5-6 हमलावरों ने फरीदाबाद से पीछा करते हुए गोली चलाना शुरू किया और लगभग 10 किमी तक पीछा कर गदपुरी टोल पार करने के बाद गोली मारकर वे भाग गए।
23 अगस्त की रात हाइवे पर 10 Km तक पीछा कर चलाई थीं गोलियां
पहले मामला आपसी रंजिश का लग रहा था, आरोपियों की गाड़ी से खुला राज़
पुलिस ने 5 आरोपियों को अरेस्ट किया, खुद को कथित रूप से गोरक्षक बताया
पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, सभी आरोपियों को रिमांड पर लिया गया
नई दिल्ली। फरीदाबाद में एनआईटी थाना एरिया के पटेल चौक से दिल्ली-आगरा हाइवे के गदपुरी टोल तक करीब 10 किमी पीछा कर 12वीं के छात्र की हत्या में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि छात्र आर्यन की हत्या रंजिश में नहीं की गई थी। बताया जा रहा है कि कार में सवार आर्यन की हत्या कथित गोरक्षकों ने की थी। इन कथित गोरक्षकों को सूचना मिली थी कि गो तस्कर फॉर्च्युनर और डस्टर कार में सवार हैं। इस पर इन्होंने आर्यन की डस्टर कार का पीछा करना शुरू किया। इस गाड़ी को हत्या के प्रयास में वांछित शैंकी का छोटा भाई चला रहा था जबकि वह पीछे बैठा था। उसने अपने छोटे भाई को कार तेज चलाने को कहा। उसे लगा कि प्राइवेट कार में क्राइम ब्रांच की टीम पीछा कर रही है।
पशु तस्करी की सूचना पर निकले थे आरोपी
क्राइम ब्रांच टीम ने हत्याकांड को सुलझाते हुए 4 आरोपियों को अरेस्ट किया। इनकी पहचान अनिल कौशिक, वरुण, कृष्ण और आदेश के तौर पर हुई। ये कथित गोरक्षक हैं। अनिल कौशिक अपनी संस्था चलाता है, जिसका नाम लिव फॉर नेशन है। चारों को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के रिमांड पर लिया गया। क्राइम ब्रांच टीम अब इनसे पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अनिल कौशिक से टीम ने पूछताछ की। उसने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि फॉर्च्युनर और डस्टर गाड़ी में सवार होकर गो तस्कर आते हैं और रेकी करते हैं। इसके बाद कैंटर में पशुओं को भर ले जाते हैं। इसी के चलते 23 अगस्त की रात को चारों स्विफ्ट कार में सवार होकर तस्करों को ढूंढने निकले थे। आरोप है कि इसी दौरान इन्हें एक डस्टर कार दिखी तो लगा कि ये गोतस्कर हैं। इन्होंने कार रुकवाने के लिए इशारा किया तो कार सवार युवकों ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। इससे इन्हें लगा कि ये तस्कर ही हैं, इस पर वे उनकी कार पर गोली चलाने लगे। डस्टर कार सवार काफी तेज स्पीड से भाग रहा था, जिसके चलते ये भी गदपुरी टोल पार कर गए।
पुलिस टीम ने आरोपियों की बताई कहानी को लेकर आर्यन मिश्रा पक्ष के लोगों से भी पूछताछ की। इस दौरान सामने आया कि कार को उस दिन शैंकी का भाई चला रहा था जबकि आर्यन उसकी बगल में बैठा था। वहीं पिछली सीट पर युवक शैंकी, उसकी मां और एक अन्य महिला बैठे थे। शैंकी के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज है, जिसमें पुलिस को उसकी तलाश थी। स्विफ्ट कार सवारों ने जब उन्हें रुकने का इशारा किया तो शैंकी को लगा कि पर्सनल स्विफ्ट कार में क्राइम ब्रांच की टीम है। उसने अपने भाई को कार की स्पीड बढ़ाने को कहा। ये लोग हाइवे पर पहुंच गए। पीछे स्विफ्ट कार से कथित गोरक्षक तस्कर समझकर गोलियां चलाते रहे। शैंकी को लगा कि क्राइम ब्रांच की टीम आज उसका एनकाउंटर ही कर देगी। एक गोली आर्यन की गर्दन में लगी तो इन्होंने कार रोकी। वहां गोरक्षकों को लगा कि ये तस्कर हैं। वे डस्टर कार के पास पहुंचे और खिड़की खुलते ही आर्यन को सीने में एक और गोली मार दी। जब कार में महिलाओं को बैठे देखा तो आरोपी भाग गए।
एनएच पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए
आर्यन पक्ष की ओर से रंजिश को लेकर दूसरे पक्ष के कुछ युवकों पर वारदात का आरोप लगाया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम इन युवकों तक पहुंची तो वे तो अपने घर पर आराम से बैठे थे। पुलिस टीम भी हैरान हो गई कि हत्या कर कोई घर में ही कैसे बैठ सकता है। उनसे पूछताछ की तो पता चला कि इन्होंने वारदात नहीं की है। पुलिस टीम ने हमलावरों के पीछा करने वाले रूट की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो हमलावरों की स्विफ्ट कार का नंबर मिल गया। इसके जरिए पुलिस टीम अनिल कौशिक तक पहुंची और केस का खुलासा हुआ।