नववर्ष को काला दिवस के रूप में मना रहे राजधानी के यह व्यापारी, CM को लिखा पत्र

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अस्तित्व टाइम्स

देहरादून। गढ़ी डकरा क्षेत्र के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद काफी समय से पुल नहीं बनने से नाराज होकर नववर्ष को काला दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र भी लिखा है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी की छवि को धूमिल करने का कार्य कर रहे है।

मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र

सेवा में,
श्रीमान पुश्कर सिंह धामी जी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार उत्तराखण्ड

विषयः- नव वर्ष पर मनाएगें काला दिवस डाकरा के व्यपारी पुल न बनने के विरोध में।

महोदय,
निवेदन इस प्रकार है कि हवा घर से डाकरा बाजार को जोडने वाला पुल जो कि वर्षा में क्षतिग्रस्त हों गया था, लगभग 5 माह के बाद भी न तो कैंट बोर्ड देहरादून ने न ही राज्य सरकार ने इसकी सुध ली है। व्यपारीयों का व्यापार ठप हो चुका है, रक्षा बंधन, दशहरा, दीपावली जैसे त्यौहार पर पुल न बनने के कारण व्यपारीयों का नुकसान हुआ है। स्थानीय जनता को लगभग 1 से 2 किमी घुम कर जाना पडता है गढ़ी चौक हमेंशा जाम लगा रहता है। कैंट बोर्ड को कई वर्षों से केन्द्र सरकार से फंड नही मिल रहा है, विकास कार्य ठप है, कर्मचारीयों को वेतन के लाले पड़े है।

कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने इस्टीमेट बनाकर आपदा प्रबन्धन को भेजा आपदा प्रबन्धन ने यह कहकर अस्वीकृत कर दिया कि कैंट बोर्ड का कार्य है। प्रमुख सचिव से कैबिनेट मंत्री के वार्ता पर आश्वासन दिये हुये है लगभग एक माह बीत चुके है। इस दशा में कोई कार्य नहीं किया गया। पूर्व पार्षद मेघा भटट् के द्वारा मुख्यमंत्री को सहभोज कार्यक्रम में मंच से पढकर उनके हाथ में ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें माननीय मुख्यमंत्री ने इस कार्य को शीघ्र कराने का आश्वासन दिया था परन्तु यह कार्य अभी तक नहीं हो पाया है। इससे पूर्व गढ़ी कैन्ट में आपदा से टुटे हुये पुलो का निमार्ण जैसे बिरपुर पुल व अन्य कार्य आपदा से हुये है। प्रदेश देश में और देश में एक ही पार्टी की सरकार होते हुये आपस में सहयोग न कर जनता को परेशान का रहे है और माननीय मुख्यमंत्री क्षेत्र विधायक एंव कैबिनेट मंत्री की छवी खराब कर रहे है। जनता व व्यपारीयों का सब्र का बांध टूट चुका है। पुल न बनने के विरोध में व्यापारी व जनता नव वर्ष के अवसर पर प्रशासन व सरकार के खिलाफ काला दिवस के रूप में मनाइगी। दूसरे दिन छावनी परिषद के सामने धरना एव चक्का जाम किया जाएगा। यह कार्यक्रम कर्मवार घोषित किये जाएगें। इससे होने वाली किसी भी अपरिय घटना कि जिम्मेदारी प्रशासन कि होगी। राज्य भवन व मुख्यमंत्री आवास के समिप यह दशा है तो पुरे प्रदेश कि क्या दशा होगी।