गंगोह। “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा” और “भारत ज़िंदाबाद” के नारों से जब फिज़ा गूँज उठी, तो एस. फ़ातिमा पब्लिक स्कूल, गंगोह का माहौल जश्न-ए-आज़ादी की रूह से सराबोर हो गया। 15 अगस्त का यह दिन तालीम, तहज़ीब और तरबियत को मिलाकर एक अनूठा पैग़ाम दे गया।
स्कूल कैंपस में ध्वजारोहण की परंपरागत रस्म अदा की गई। तिरंगा फहराते ही चेहरों पर रौनक और दिलों में वफ़ादारी का जज़्बा साफ़ नज़र आया। इसके बाद बच्चों और तालिब-ए-इल्म ने रंग-ब-रंग प्रोग्राम पेश किए – कहीं मिल्ली तराने, कहीं जज़्बाती नज़्में, कहीं मुल्क़ की तरक़्क़ी और कुर्बानियों पर असरदार ख़िताबात।
इस तारीखी मौक़े स्कूल के डायरेक्टर नवाब आकिब जावेद ने अपने ख़िताब में कहा:
“आज़ादी सिर्फ़ एक नेमत या तोहफ़ा नहीं, बल्कि अज़ीम ज़िम्मेदारी है। हमें अपनी नस्ल-ए-नौ को इल्म, अख़लाक़ और हुस्न-ए-तहज़ीब से आरास्ता करना होगा ताकि मुल्क़ का मुस्तक़बिल रोशन और स्थिर रहे।”
इस मौके पर शहर की कई हस्तियाँ और एस फातिमा एजुकेशनल सोसायटी के सदस्यगण भी मौजूद रहे – हकीम मुहम्मद अरशद, एडवोकेट इक़बाल, एडवोकेट राशिद, डा मोहम्मद इलियास, एडवोकेट यूनुस कोसर, डॉ. राशिद, डॉ. शाहिद और मुहम्मद पर्वेज की मौजूदगी ने प्रोग्राम की शान और बढ़ा दी।
कार्यकरम का संचालन प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शाबान मंसूरी ने किया, जिनके बेहतरीन अंदाज़-ए-बयान ने हर पेशकश को असरदार बना दिया। वहीं, स्कूल का पूरा स्टाफ़ इस जश्न को कामयाब बनाने में जोश-ओ-ख़रोश और वफ़ादारी के साथ शामिल रहा।
आख़िर में यह पैग़ाम साफ़ था कि एस. फ़ातिमा पब्लिक स्कूल न सिर्फ़ तालीम की जगह है, बल्कि क़ौमी यकजहती, मोहब्बत और इंसानी ख़िदमत का एक मजबूत मिनार भी है।