देहरादून। जमीनों के कई मामलों में विवादित रहे राजधानी देहरादून के प्रमुख बिल्डर सुधीर विंडलास को लगभग दो साल जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है। गौरतलब है कि जमीनों के घपले के मामले में सीबीआई ने 21 दिसंबर 2023 को सुधीर विंडलास और उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई थी।
इधऱ, हाईकोर्ट में जमानत की याचिका निरस्त होने के कारण उद्योगपति सुधीर विंडलाज के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। देहरादून में सरकारी और निजी जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का है। इस मामले में पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए थे, जिनकी जांच बाद में सीबीआई को सौंपी गई थी।
जनवरी 2022 में दर्ज मुकदमो में यह आरोप था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनों पर कब्जा किया गया, जिसमें मृत व्यक्तियों को जीवित दिखाकर और कर्मचारियों को उनके स्थान पर खड़ा करके धोखाधड़ी की गई। सीबीआई ने इस मामले में सुधीर विंडलास और उनके कई साथियों को गिरफ्तार किया था। हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रहा है और उसने कुछ संपत्तियों को जब्त भी किया है। सुधीर विंडलास की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी थी।
विंडलास पर आरोप है कि उन्होंने राजपुर में सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा करना और धोखाधड़ी करना। फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके और मृत व्यक्तियों को जीवित दिखाकर जमीन पर कब्जा किया गया। सबसे पहले देहरादून पुलिस ने जांच की, लेकिन बाद में उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।
सीबीआई ने 21 दिसंबर 2023 को सुधीर विंडलास और उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है और उसने कुछ अचल संपत्तियों को जब्त भी किया है।









