महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में जबकि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में संपन्न होगा मतदान, वहीं राहुल गांधी के इस्तीफे से खाली केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर और उत्तराखंड की हॉट सीट केदारनाथ पर 20 नवंबर को चुनाव होगा। सभी चुनाव की मतगणना 23 नवंबर को होगी।
नई दिल्ली। केन्द्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने उप-चुनावों का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण के तहत विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होगा, जबकि झारखंड में दो फेज में 13 नवंबर और 20 नवंबर को वोटिंग होगी।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन स्थित प्लेनरी हॉल में दोपहर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस (पीसी) के दौरान उन्होंने यह भी बताया, “महाराष्ट्र में एक चरण में ही चुनाव होगा. 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी. झारखंड में दो चरण में मतदान होगा. पहले चरण के तहत 13 नवंबर को तो दूसरे फेज में 20 नवंबर, 2024 को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
सीईसी राजीव कुमार ने उप-चुनावों के बारे में भी जानकारी दी और कहा, “उत्तर प्रदेश (यूपी) की 10 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा. केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और उत्तराखंड में 20 नवंबर को बाई-इलेक्शन होगा.”
85 साल से अधिक के सीनियर सिटिजंस की सहूलियत के लिए उन्हें घर से वोट डालने की सुविधा मिलेगी, इसके साथ ही वोटर हेल्पलाइन ऐप में मतदाता अपने डिटेल्स की सारी जानकारी पा सकेंगे दोनों राज्यों के चुनाव दो अहम त्योहारों के बाद होंगे. 31 अक्टूबर को दिवाली है, जबकि पांच से आठ नवंबर के बीच छठ पूजा मनाई जाएगी।
महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर, 2024 को खत्म हो रहा है. वहां कुल 288 सीटें हैं. किसी भी दल को बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए होगा. मौजूदा समय में राज्य में महायुति (एनडीए) की सरकार है, जिसमें बीजेपी, अजित पवार वाली एनसीपी और एकनाथ शिंदे (फिलहाल सीएम) के गुट वाली शिवसेना शामिल हैं।
झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटे हैं, जहां विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी 2025 को समाप्त हो जाएगा. किसी भी दल को वहां बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए होंगी. मौजूदा समय में वहां झारखंड मुक्त मोर्चा (जेएमएम) की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार है।
नई दिल्ली। केन्द्रीय चुनाव आयोग आज 3:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है जिसमें झारखंड महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के साथ ही कई राज्यों में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। महाराष्ट्र के बारे में कहा जा रहा है कि दो या फिर तीन चरण में चुनाव होंगे. क्योंकि उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा की सबसे ज्यादा सीटें 288 हैं. वहीं झारखंड में विधानसभा की कम सीटें 81 भले हैं है. लेकिन सुरक्षा के लिहाज से झारखंड के बारे में भी कहा जा कि है इस प्रदेश में भी दो या फिर तीन चरण में चुनाव होंगे।
मौजूदा समय में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की सरकार है. प्रदेश की कमान जहां एकनाथ शिंदे के हाथों में हैं. वहीं डिप्टी सीएम के रूप में देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार को जिम्मेदारी मिली है. अब तक कि खबरों के अनुसार शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार गुट एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले हैं।
झारखंड में में मौजूदा समय में कांग्रेस और आरजेडी की मदद से हेमंत सोरेन की सरकार हैं. प्रदेश की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में हैं. हालांकि जेल जाने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे देने के बाद चंपई सोरेन सीएम बनाया था. लेकिन जेल से वापस आने के बाद हटाकर फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठ गए. जिससे नाराज होकर चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा से बगात कर बीजेपी में शामिल होगा।
जानें दोनों राज्यों के कब हो रहे हैं कार्यकाल पूरा:
महाराष्ट्र में 26 नवंबर 2024 तो झारखंड 05 जनवरी 2025 को विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है।
इसके साथ ही उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट केदारनाथ पर भी उपचुनाव कि घोषणा हो सकती है। प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन चुकी केदारनाथ विधानसभा को जीतना कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए जैसे प्रतिष्ठा का सवाल हो गया है। इसीलिए जहाँ कांग्रेस ने बीते दिनों केदारनाथ यात्रा निकाल कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना शुरू किया था वहीँ बीते कुछ दिन में ही सरकार ने रुद्रप्रयाग और केदारनाथ में योजनाओं की झड़ी लगाते हुए खजाना ही खोल दिया है।
लेकिन सवाल दोनों तरफ है कि क्या पीएम मोदी की भावनाओं से सीधे जुड़े केदारनाथ सीट को भाजपा बचा सकेगी ? क्योंकि उम्मीदवारों की लिस्ट लम्बी है लेकिन दिवंगत शैला रानी रावत की बेटी जो कुछ समय से सोशल मीडिया में खुद को शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत के रूप में लांच करते हुए अचानक क्षेत्र में सक्रिय हो गयी है उसे देख लगता है जैसे पार्टी ने उन्हें अंदर ही अंदर हरी झंडी दिखा दी है। ऐसे में सहानुभूति की लहर में भाजपा जीत की राह आसान बनाना चाहती है।
केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की जनता से वादा करते हुए कहा कि जब तक आपका विधायक नहीं बनता तब तक मैं ख़ुद वहाँ का विधायक बनकर काम करूँगा। मुख्यमंत्री ने अपने वादे के अनुरूप केदारघाटी समेत, तल्ला नागपुर, कालीमठ घाटी, मध्यमहेश्वर घाटी के लिए भी विभिन्न विकास योजनाओं की ना सिर्फ घोषणा की है बल्कि उन पर कार्य भी शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखंड ऊखीमठ में गुप्तकाशी-जाखधार-त्यूडी मोटर मार्ग से देवर मोटरमार्ग के 8.5 किमी सुंदरीकरण एवं डामरीकरण कार्य के लिए 4 करोड़ 71 लाख की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त विकासखंड अगस्त्यमुनि के अंदर गढ़ी से धर्तोलिया मोटरमार्ग के 4.5 किमी सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य के लिए 3 करोड़ 68 लाख की स्वीकृति दी है।लगभग 92 हजार मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में उपचुनाव होना है और सूत्रों के अनुसार चुनाव की अधिसूचना कुछ घंटों में भी जारी हो सकती है। भाजपा किसी भी स्तर पर कमी नहीं रखना चाहती, इसलिए कैबिनेट मंत्री, विधायक गांव-गांव में एक-एक मतदाता से संपर्क कर रहे हैं।
कांग्रेस को है बद्रीनाथ जैसे चमत्कार का भरोसा
बात कांग्रेस की करें तो उसके पार खोने को कुछ नहीं है लेकिन पाने को एक सबसे बड़ी जीत की उम्मीद है क्योंकि बद्रीनाथ जीतकर पार्टी पूरे जोश से मैदान में उतरने का प्लान बना रही है। सवाल बड़ा यही है कि इस उपचुनाव में चेहरा कौन होगा ? यही नहीं एक अनार सौ बीमार जैसी हालत कांग्रेस में भी कम नहीं हैं लिहाज़ा भितरघात और विद्रोह की संभावना बनी हुई है ऐसे में प्रदेश कांग्रेस चौकन्नी होकर आगे बढ़ती नज़र आ रही है। बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की हरिद्वार से केदारनाथ पदयात्रा ने भी जोश भरा ज़रूर है लेकिन वोट और सपोर्ट कितना मिलेगा ये नतीजे बताएँगे। सूत्रों के मुताबिक केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा अगले 48 घंटे में हो सकती है लिहाज़ा सरकार भी घोषणाओं की झड़ी लगा रही है देखना दिलचस्प होगा कि बाबा का आशीष किसको मिलेगा ?