अस्तित्व टाइम्स
आधार कार्ड को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जोड़ने के प्रयास के तहत असम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. असम सरकार ने फैसला किया है कि यदि आवेदक या उसके परिवार ने NRC में आवेदन नहीं किया है, तो आधार कार्ड के आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा.
नई दिल्ली। असम सरकार ने आधार कार्ड को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) से जोड़ने के प्रयास में बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के बाद असम में लोगों को आधार कार्ड हासिल करने में सरकार की एक शर्त को पूरा करना होगा. असम में अब जिसने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया होगा, उसे अब आधार कार्ड नहीं मिलेगा. आवेदन न करने वालों का आधार खारिज कर दिया जाएगा. यह फैसला कैबिनेट बैठक में लिया गया है. जिसकी जानकारी खुद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दी है।
सीएम ने कहा कि पिछले दो महीने में असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने कई घुसपैठियों को पकड़ा है. यही कारण है कि बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें अपने सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है, और इसीलिए हमने आधार कार्ड प्रणाली को सख्त बनाने का फैसला किया है. शर्मा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि अब राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग आधार कार्ड आवेदनकर्ताओं की सत्यापन प्रक्रिया का मुख्य जिम्मेदार होगा. हर जिले में एक अतिरिक्त जिला आयुक्त को इस काम के लिए नियुक्त किया जाएगा।
अब कैसे मिलेगा आधार?
सीएम ने कहा कि शुरुआती आवेदन के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) इसे सत्यापन के लिए राज्य सरकार को भेजेगा. स्थानीय सर्किल अधिकारी (सीओ) पहले यह जांच करेगा कि आवेदक या उसके माता-पिता या परिवार ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन किया है या नहीं, अगर आवेदक की तरफ से एनआरसी के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है, तो आधार के अनुरोध को तत्काल खारिज कर दिया जाएगा. इसके बाद केंद्र को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। यदि यह पाया जाता है कि एनआरसी के लिए आवेदन किया गया था, तो सीओ(CO) सत्यापन के लिए जाएंगे. अधिकारी के पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद आधार को मंजूरी दी जाएगी।