पूर्व सीएम के कांग्रेस से नाराजगी के प्रमुख कारण, जो बन सकते हैं भाजपा में जाने का आधार

106

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच यह जानना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि यह स्थिति कैसे बनी? ऐसा क्या हुआ कि जो नेता इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे की तरह देखा जाता था, वह पार्टी छोड़ने के कगार पर पहुंच गया।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने छिंदवाड़ा में अपने समर्थक नेताओं से बातचीत की। उनसे रायशुमारी की और सीधे-सीधे पूछा कि ‘क्या करना है?’ इसके बाद छिंदवाड़ा के अन्य कार्यक्रम निरस्त किए और भोपाल होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। अब कहा जा रहा है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से अपने सांसद बेटे नकुल नाथ के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि, उनकी या उनके किसी समर्थक की तरफ से इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन कमलनाथ को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के तीसरे बेटे की तौर पर देखा जाता था, वह पार्टी छोड़ने के कगार पर कैसे पहुंचे? नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया। इसके बाद अचानक उन्हें मध्य प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। पार्टी के कार्यक्रमों से भी उन्होंने दूरी बना ली और फिर अचानक उनके भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई।

कमलनाथ की नाराजगी के पांच कारण

  1. विधानसभा की हार का ठीकराः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163, कांग्रेस ने 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-थलग कर दिया।
  2. अचानक अध्यक्ष पद से हटायाः विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने एकाएक अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागड़ोर सौंपी गई। न तो कमलनाथ से रायशुमारी हुई और न ही उन्हें बताया गया और अचानक उन्हें बदलने का फरमान जारी हो गया। इससे भी कमलनाथ आहत हुए थे। भले ही सार्वजनिक मंच पर उन्होंने इसे छिपाया, लेकिन नाराजगी नहीं छिपा सके।
  3. केंद्र की राजनीति चाहते थेः कमलनाथ की सक्रियता हमेशा से केंद्रीय राजनीति में रही है। 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्हें मध्य प्रदेश में भेजा गया था। जब सरकार चली गई तो लगा कि उन्हें फिर से दिल्ली बुला लिया जाएगा। इसके विपरीत पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश में ही उलझाए रखा। 2023 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद कमलनाथ फिर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी।
  4. राज्यसभा टिकट नहीं मिलाः कमलनाथ राज्यसभा का चुनाव लड़कर केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के लिए एक डिनर भी रखा था। तब पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सोनिया गांधी को चुनाव लड़ने का आग्रह किया। जब सोनिया गांधी ने राजस्थान को चुना तो दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया। यह पूर्व मुख्यमंत्री को अच्छा नहीं लगा।
  5. चुनावों में दिग्विजय सिंह से अनबनः विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से आए कुछ विधायकों और पूर्व विधायकों के टिकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी कमलनाथ की अनबन हुई थी। कमलनाथ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह टिकट मांग रहे नेताओं को कह रहे हैं कि जाकर दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो। कमलनाथ खेमे को लगता है कि यह सब पार्टी के एक धड़े ने किया। उनके खिलाफ माहौल बनाया गया।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें बहुत तेज़ी से चल रही हैं। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं। शनिवार को छिंदवाड़ा का दौरा रद्द कर कमलनाथ अपने बेटे के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों बीजेपी में शामिल हो सकते हैं

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। शनिवार को अचानक छिंदवाड़ा दौरा रद्द करते हुए कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। बीजेपी में शामिल होने के जवाब में कमलनाथ ने एक बार फिर से सस्पेंस भरा जवाब दिया है। कमलनाथ ने कहा- “जब ऐसी कोई बात होगी तो बताऊंगा। जो चल रहा है उससे एक्साइटेड नहीं हूं।” कमलनाथ ने अटकलों को एक बार फिर से हवा दे दी है। दूसरी तरफ उनके समर्थक नेता सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में बदलाव किया है।

कमलनाथ ने कहा- “आप सभी उत्साहित क्यों हो रहे हैं? यह इनकार करने के बारे में नहीं है। अगर ऐसा कुछ है तो मैं आप सभी को सूचित करूंगा।” कमलनाथ के इस बयान के बाद अब माना जा रहा है उन्होंने अभी तक सियासी अटकलों को विराम नहीं दिया है। वहीं, दूसरी तरफ एमपी कांग्रेस में भी हलचलें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंच कर बड़े नेताओं के साथ मीटिंग कर सकते हैं।

सज्जन सिंह वर्मा का दावा- बीजेपी में शामिल होंगे
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी सियासी सस्पेंस बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा कि कमलनाथ और नकुलनाथ का जाना लगभग तय ही है। हालांकि उनके साथ उनके समर्थक भी जाएंगे या नहीं इसे लेकर सज्जन वर्मा ने कुछ नहीं कहा है। सज्जन सिंह वर्मा ने भी सोशल मीडिया में अपनी प्रोफाइल बदल दी है।

बीजेपी नेता ने कहा- फेक खबर है
कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को बीजेपी नेता ने फेक बताया है। बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा- “कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की खबर फेक है।” बता दें कि इससे पहले बीजेपी के कई नेता कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की बात कह चुके हैं। सुमित्रा महाजन ने तो कमलनाथ को खुला ऑफर दिया था वहीं, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कहा था कि अगर दोनों नेता बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं तो स्वागत है।