नई दिल्ली। लालू यादव को चारा घोटाले में 5 साल की सजा सुनाई गई है, साथ ही 60 लाख जुर्माना भी लगाया गया है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पहले लालू यादव को दोषी करार कर दिया था। वहीं लालू के वकील ने बताया कि आगे बेल के लिए अर्जी दी जाएगी, लेकिन बेल नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा।
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत अन्य आरोपियों को को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में दोषी पाया था। कोर्ट ने तब सजा का ऐलान नहीं किया था। आज कोर्ट की कार्यवाही ऑनलाइन हुई, लालू ऑनलाइन ही इसमें शामिल हुए।
यह है पूरा मामला
इसे पशुपालन घोटाला ही कहा जाना चाहिए क्योंकि मामला सिर्फ़ चारे का नहीं है। असल में, यह सारा घपला बिहार सरकार के ख़ज़ाने से ग़लत ढंग से पैसे निकालने का है। कई वर्षों में करोड़ों की रक़म पशुपालन विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने राजनीतिक मिली-भगत के साथ निकाली है।
घपला रोशनी में धीरे-धीरे आया और जांच के बाद पता चला कि ये सिलसिला वर्षों से चल रहा था। शुरुआत छोटे-मोटे मामलों से हुई, लेकिन बात बढ़ते-बढ़ते तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तक जा पहुंची।
मामला एक-दो करोड़ रुपए से शुरू होकर अब 900 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है और कोई पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि घपला कितनी रक़म का है क्योंकि यह वर्षों से होता रहा है और बिहार में हिसाब रखने में भी भारी गड़बड़ियां हुई हैं।
मामले में फंसे लालू यादव को इस सिलसिले में जेल तक जाना पड़ा, उनके ख़िलाफ़ सीबीआई और आयकर की जांच हुई, छापे पड़े और अब भी वे कई मुक़दमों का सामना कर रहे हैं। आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सीबीआई ने राबड़ी देवी को भी अभियुक्त बनाया।