देहरादून। उत्तराखंड में जहां उपनलकर्मी हर विभाग और क्षेत्र में कड़ी मेहनत करते हैं वहीं इन कर्मियों की सुनवाई न होने पर ये कर्मी धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए है। शुक्रवार को उपनल कर्मचारियों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जहां अपनी मांगों को पूरी करने की मांग की तो वहीं सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए।
मिली जानकारी के अनुसार उपनल कर्मियों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए शासन स्तर पर बार-बार अनुरोध किया जाता रहा है किन्तु उपनल कर्मचारियों की समस्यायें ज्यों कि त्यों बनी हुई है और वर्तमान में कतिपय विभागों द्वारा 10-15 वर्ष से कार्य कर रहे उपनल कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया तथा कतिपय विभागों में हटाने की प्रक्रिया चल रही है साथ ही कई विभागों द्वारा पर्याप्त बजट होने के बाद भी उपनल कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में इन कर्मियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
बताया जा रहा है कि शासन द्वारा उपनल के 7000 से अधिक कर्मचारियों को हटाने की तैयारी की जा रही है। इतना ही नहीं कुछ का तो वेतन भी रोका जा रहा है। कई कर्मी ऐसे है जिनका महीनों से वेतन नहीं आया है। जिस कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मियों का कहना है कि उनके बच्चों की स्कूल की फीस तक जमा नहीं हो रही है। उन्हें मेहनत करने के बाद भी मेहनताना नहीं मिल रहा है।
गौरतलब है कि उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) कर्मचारी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में पहुंचकर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से मिले थे। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को मंत्री के सामने रखा और इसके समाधान को लेकर भी कुछ सुझाव दिए थे। इस पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बातचीत के बाद बताया कि सरकार इस मामले में समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर आज कर्मियों ने कैबिनेट मंत्री के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया है।