CAA को लेकर अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिम समुदाय को किया जा रहा है गुमराह: शाह
अस्तित्व टाइम्स
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA लागू हो जाएगा। यह ऐलान गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। ET नाउ-ग्लोबल बिजनेस समिट में शामिल हुए गृह मंत्री शाह ने यह ऐलान किया है। अपने बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि CAA देश का एक्ट है, इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे। अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा। इसे “देश का अधिनियम” कहा जाएगा। अमित शाह ने जोर देकर कहा कि यह अधिनियम नागरिकता प्रदान करने के लिए है ना कि “किसी की नागरिकता छीनने” के लिए।
समिट में बोलते हुए शाह ने कहा, “सीएए देश का एक अधिनियम है। इसे चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा। इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेषकर हमारे मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। सीएए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए एक अधिनियम है।
नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम, जिसे आमतौर पर सीएए के रूप में जाना जाता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य उन प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना है – जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर से 1 दिसंबर, 2014 तक भारत आए हों उनको इस कानून के तहत नागरिकता मिलेगी।
सीएए का विरोध
सबसे पहले 4 दिसंबर, 2019 को संसद में सीएए पेश होने के बाद असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। 11 दिसंबर, 2019 को अधिनियम पारित होने के बाद देश भर में प्रदर्शन तेज हो गए और कुछ क्षेत्रों में हिंसा भी देखी गई। प्रदर्शनकारियों ने सीएए को “भेदभावपूर्ण” और “भारत की धर्मनिरपेक्षता पर हमला” बताया। रिपोर्टों के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के दौरान या पुलिस कार्रवाई के कारण कई लोगों की जान चली गई, जबकि हजारों प्रदर्शनकारियों को पकड़ा गया।