वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को केन्द्र ने दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

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अस्तित्व टाइम्स

विशेष आपदा उपकर लगाने के लिए जीएसटी परिषद के मंत्रियों के समूह में नामित अग्रवाल ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार प्रकट किया

देहरादून। प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को केंद्र ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें प्राकृतिक आपदाओं या आपदाओं के मामले में राजस्व जुटाने के लिए गठित मंत्री समूह (जीओएम) का सदस्य नामित किया गया है। इस महत्वपूर्ण दायित्व के लिए अग्रवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार प्रकट किया है।

बता दें कि जीएसटी परिषद ने किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में विशेष आपदा उपकर लगाने के लिये मंत्रियों के समूह का गठन किया है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के नेतृत्व में गठित सात सदस्यीय मंत्री समूह में उत्तरखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, असम के अजंता नियोग, छत्तीसगढ़ से ओपी चौधरी, गुजरात से कनुभाई देसाई, केरल से केएन बालगोपाल और पश्चिम बंगाल से चंद्रिमा भट्टाचार्य शामिल है।

मंत्री समूह के सदस्य प्राकृतिक आपदा या आपदाओं के मामले में राजस्व जुटाने के लिए राज्यों द्वारा विशेष उपकर लगाने की संवैधानिक और कानूनी जांच करेंगे। जीएसटी व्यवस्था के तहत राज्यों द्वारा ऐसे विशेष उपकर लगाने के उद्देश्य से किसी घटना को प्राकृतिक आपदा रूप में वर्गीकृत करने के लिये उपयोग किये जाने वाले ढांचे की जांच और पहचान करना है। इसके अलावा यह जांच करना है कि क्या जीएसटी मूल ढांचे में बदलाव किये बिना प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्यों की मदद के लिए कोई वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी परीक्षण होगा कि क्या विशेष उपकर को कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए या सभी क्षेत्रों पर लागू किया जाना चाहिए। इससे पहले 2018 में केरल की इसी तरह की मांगों की जांच के लिए एक जीओएम का गठन किया गया था, जिसके बाद 2019 में दो साल के लिए बाढ़ से पीड़ित राज्य में पुनर्वास कार्य के लिए एक फीसद विशेष सेस को मंजूरी दी गई थी।

बता दें कि 21 दिसंबर 2024 को जीएसटी परिषद ने एक प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसी विशेष राज्य में सेस लगाने के लिए एक समान नीतियों की जांच के लिए जीओएम का गठन करने का निर्णय लिया। दिसंबर में हुई बैठक में, आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पायाबुला केशव ने राज्य में उपभोग की जाने वाली कुछ लक्जरी वस्तुओं पर एक प्रतिशत आपदा सेस की मांग की। उत्पन्न अतिरिक्त राजस्व का उपयोग सितंबर-अक्टूबर, 2024 में राज्य में बाढ़ के बाद राहत कार्यों के लिए किया जाएगा, केशव ने कहा था।

इससे पहले 2018 में जीएसटी परिषद ने केरल से गंभीर बाढ़ के बाद की मांगों का समाधान करने के लिए एक समान जीओएम का गठन किया था। जनवरी 2019 में जीओएम ने केरल में दो साल के लिए एक फीसद आपदा सेस को मंजूरी दी ताकि बाढ़ से प्रभावित राज्य में पुनर्वास प्रयासों के लिए धन जुटाया जा सके। राज्य ने यह निर्धारित किया कि कौन सी वस्तुएं और सेवाएं सेस के अधीन होंगी। जीएसटी कानून के तहत, राज्यों को प्राकृतिक आपदा या आपदा के दौरान अतिरिक्त धन जुटाने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए विशेष कर लगाने की अनुमति है।