शेयर बाजार में निवेशकों को पांच महीनों में 95 लाख करोड़ का नुकसान

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अस्तित्व टाइम्स

सेंसेक्स 17.45% और निफ्टी 18.70% टूट चुके हैं, जिससे निवेशकों को 95 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है

एजेंसीन

ई दिल्ली। शेयर बाजार ने निवेशकों की कमर तोड़कर रख दी है। पिछले 5 महीने के दौरान निवेशकों को 95 लाख करोड रुपए का नुकसान हो चुका है। बीते साल 27 सितंबर को दोनों सूचकांक अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचे थे। सेंसेक्स ने 85,978.25 अंक और निफ्टी ने 26,277.35 अंक का शिखर छुआ था। इसके बाद से ही शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। इस अवधि में सेंसेक्स जहां 17.45 फीसदी टूट चुका है, वहीं निफ्टी में 18.70 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इस अवधि के दौरान यानी 27 सितंबर, 2024 से 28 फरवरी, 2025 के बीच पांच महीनों में निवेशकों को 95 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

शुक्रवार को निवेशकों की संपत्ति में करीब 8.82 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। निफ्टी में सबसे लंबी गिरावट: निफ्टी में 29 साल बाद ऐसा हुआ है, जब यह सूचकांक लगातार पांच महीने से पिछले महीने की तुलना में निचले स्तर पर बंद हुआ है। अपने शीर्ष से निफ्टी 4,152.65 अंक टूट चुका है. आज निफ्टी ने 22,500 के अहम स्तर से नीचे चला गया है। इस तरह देखा जाए, तो निफ्टी 14 मई, 2024 के बाद सबसे निचले स्तर पर है।

इतिहास की चौथी सबसे बड़ी गिरावट: शेयर बाजार में अब तक की बड़ी गिरावट के लिहाज से देखा जाए, तो फिलहाल भारतीय शेयर बाजार इतिहास की चौथी सबसे बड़ी गिरावट के दौर में है। अब तक की सबसे बड़ी गिरावट में 2008 में 52 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, 1994-95 में 31.4% फीसदी की गिरावट आई थी। वर्ष 1996 में 26% फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी। इसके बाद फिलहाल बाजार के ज्यादातर बड़े इंडेक्स 18 से 20 फीसदी तक टूट चुके हैं। यह गिरावट कोविड से भी बड़ी है। कोविड के दौरान बाजार में करीब 13-14 फीसदी की गिरावट आई थी।

सरकारी कंपनियों के निवेशक बुरे फंसे
सरकारी कंपनियों में जोरदार बिकवाली ने निवेशकों की तिजोरी खाली कर दी है। बीते सात महीनों में 25 लाख करोड़ की बाजार पूंजी का नुकसान इस क्षेत्र को हुआ है। निफ्टी पीएसई इंडेक्स अगस्त 2024 से अब तक 32% गिर चुका है। इतनी बड़ी गिरावट ने ये साफ कर दिया है कि इस बार बाजार की बिकवाली में कोई भी क्षेत्र नहीं बच पाया है।

आज क्‍यों टूटा शेयर बाजार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार मार्च से मैक्सिको और कनाडा पर शुल्क लगाने की शुरुआत की घोषणा की है। वहीं, चीन पर शुल्क को और बढ़ाने का फैसला किया है। इस घोषणा के बाद एनवीडिया के शेयरों में 8.5 प्रतिशत की गिरावट आई जिससे अमेरिका के आईटी सूचकांक नैस्डैक में भारी गिरावट पैदा कर दी। इसका असर सुबह एशिया और यूरोप के बाजारों में दिखाई दिया।

रुपये में गिरावट के प्रमुख कारण
1. वैश्विक व्यापार युद्ध भड़कने की आशंका

2. एशियाई शेयर बाजारों में कमजोरी

3. एआई की वृद्धि दर पर संदेह

4. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका

5. म्यूचुअल फंड के मुनाफे में जोरदार कमी

6. छोटे निवेशकों का एसआईपी रोकना

7. रुपये में तेज गिरावट

8. विदेशी निवेशकों की तेज बिकवाली