भारत बायोटेक को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की मिली मंजूरी

0
144

नई दिल्ली। देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रही है। वहीं आने वाले दिनों में तीसरी लहर आने की जानकारी से डरी हुई भी है। एक्सपर्ट्स इससे बचाव का एकमात्र आॅप्शन वैक्सीनेशन को बता रहे हैं। जिसके बाद पूरे देश में वैक्सीनेशन को तेज किया जा रहा है। साथ ही तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक बताया जा रहा है। इसके बाद देश सहित दुनिया के कई बड़ी कंपनियों द्वारा बच्चों के लिए वैक्सीनेशन तैयार किया जा रहा है। जिसमें कुछ देशों को सफलता भी हासिल हो चुकी है। अब भारत बायोटेक को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। यह देश के लिए बड़ी राहत भरी खबर है।

ये क्लीनिकल ट्रायल 525 लोगों पर किया जाएगा, ये दिल्ली एम्स, पटना एम्स, नागपुर के टकटर अस्पतालों में होगा। कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, भारत बायोटेक को फेज 3 का ट्रायल शुरू करने से पहले फेज 2 का पूरा डाटा उपलब्ध कराना होगारएउ ने सिफारिश की थी कि भारत बायाटेक की कोवैक्सीन के फेज 2, फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे देनी चाहिए, जो कि 2 से 18 साल तक के बच्चों पर किया जाएगा।

आपको बता दें कि भारत में अभी जिन दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह सिर्फ 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लोगों को लगाया जा रहा है.भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है। इस बीच एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की चेतावनी दी थी। भारत सरकार के ही चीफ वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा था कि तीसरी लहर का आना निश्चित है और इसमें बच्चों पर ज्यादा असर हो सकता है।

एक्सपर्ट्स की सलाह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से तीसरी लहर को लेकर चिंता व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किए थे कि अगर तीसरी लहर आती है तो बच्चों का क्या होगा, उनके परिजनों का क्या होगा, किस तरह इलाज होगा, इन चीजों पर अभी से विचार करने की जरूरत है तीसरी लहर की चेतावनी के बाद कई राज्यों ने अपने यहां अभी से ही बच्चों के लिए अलग से अस्पताल बनाने, स्पेशल कोविड केयर सेंटर्स बनाने पर काम शुरू कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here