देहरादून। मंगलवार को सचिवालय में हुई कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि ऐसा भी लग रहा है कि सरकार कहीं ना कहीं सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से अंदर ही अंदर सहमी हुई है। इसीलिए हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज ना कराकर अज्ञात के खिलाफ देर रात विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मामले में बड़ी ही हैरान करने वाली बात है कि जिस सचिवालय में मुख्यमंत्री का ऑफ़िस हो जहां प्रदेश के सबसे बड़े अधिकारियों के ऑफ़िस मौजूद हों, भला ऐसे में इतनी बड़ी ग़ुस्ताखी कौन कर सकता है समझ से परे है, सवाल ये भी खड़ा होता है अगर सचिवालय बंद करवाने वालों की शिनाख्त ही नहीं थी तो चीफ़ सेक्रेटरी ने काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश क्यों निकाला!
अब बात करते है कि क्या सरकार बैकफुट पर हिट विकेट हो गयी इसीलिए अब सचिवालय के अनिश्चितकाल के लिए बंद करवाने वाले अधिकारियों के नामज़द किए बग़ैर अज्ञात के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज क़रवा दिया है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 7/12/21 को सचिवालय परिसर में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बिना अनुमति के एकत्रित होकर विधि विरुद्ध जमाव कर सचिवालय में कार्यरत कर्मचारी एव अधिकारी गणों को जबरन बल पूर्वक बाहर निकल कर उन्हें सरकारी कार्य करने से रोका तथा अन्य शासकीय कार्यो में व्यवधान उत्पन किया तथा कर्मचारियों- अधिकारियों को उनके कार्यालय में प्रवेश को बाधित किया एवं सचिवालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के विरुद्ध आपत्ति जनक शब्दो का प्रयोग किया गया।
सचिवालय स्थित एटीएम चौक पर एकत्रित होकर मार्ग भी अवरुद्ध किया गया । इस घटना के संबंध में थाना कोतवाली नगर देहरादून पर मु0 अ0 स0 534/2021 धारा143/147/186/323/323/353/504/341 ipc बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया।