कोरोना काल में घोषित ऋण नीति के तहत 30नवंबर तक आवेदन कर ले सकेंगे ऋण का फायदा

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कोरोना काल में घोषित ऋण नीति के तहत 30नवंबर तक आवेदन कर ले सकेंगे ऋण का फायदा
भानू प्रताप
केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) की मियाद एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दी है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बताया कि इस स्कीम के लिए समयसीमा (Deadline) को 30 नवंबर 2020 या 3 लाख करोड़ रुपये तक की कर्ज (Loan) मंजूरी तक बढ़ाया जा रहा है. स्‍कीम के लिए बढ़ाई गई अवधि दोनों में से पहले पूरी होने वाली शर्त तक मानी जाएगी. कोरोना संकट के बीच आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पटरी पर लौटने लगी है. उम्मीद की जा रही है कि त्योहारी सीजन में कंज्यूमर डिमांड (Festive Season Demand) और बढ़ेगी. इस स्कीम की मियाद बढ़ाने से उन कर्ज लेने वालों को फायदा होगा, जिन्होंने अब तक इसका लाभ नहीं लिया है।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज में की गई थी स्कीम की घोषणा
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह लड़खड़ाए सूक्ष्‍म, लघु व मझोले उद्योगों (MSMEs) को फिर से खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार ने इस स्कीम की घोषणा की थी. इसके तहत एमएसएमई, बिजनेस एंटरप्राइजेज और कारोबार करने के लिए किसी व्यक्ति को कोलेट्रल फ्री कर्ज देने की व्यवस्था की गई है. इन कर्ज की गारंटी केंद्र सरकार देती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2020 में जीडीपी के 10 फीसदी यानी करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था. इसी रकम में से 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान ईसीएलजीएस स्कीम के लिए किया गया था।

अब तक 2 लाख करोड़ रुपये का ही दिया गया है लोन।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत ईसीएलजीएस के जरिये 3 लाख करोड़ रुपये के लोन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन ईसीएलजीएल पोर्टल पर मेंबर लेंडिंग इंस्टिट्यूशन्स डाटा के मुताबिक अब तक सिर्फ 2.03 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की ही मंजूरी दी गई है. योजना के तहत अब तक 60.67 लाख लेनदारों के लिए लोन की मंजूरी दी गई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 1.48 लाख करोड़ रुपये का लोन लाभार्थियों को बांटा जा चुका है।

एमएसएमई को राहत के लिए शुरू की गई थी योजना
ईसीएलजी स्‍कीम वित्तीय परेशानी झेल रही एमएसएमई को पूरी गारंटी के साथ इमरजेंसी क्रेडिट लाइन के रूप में 3 लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग उपलब्ध कराते हुए राहत दिलाने के लिए शुरू की गई है. योजना के तहत राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड की ओर से योग्य एमएसएमई और इच्छुक कर्जदारों को गारंटी समेत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन सुविधा के तौर पर फंडिंग के लिए 100 फीसदी गारंटी कवरेज उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है. शुरूआत में यह योजना 25 करोड़ रुपये तक के बकाया कर्ज वाली इकाइयों पर लागू थी. बाद में इसमें 50 करोड़ रुपये तक बकाया वाली इकाइयों को शामिल किया गया. इसके अलावा 250 करोड़ रुपये के कारोबार वाली इकाइयों को शामिल करने के लिए एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव किया गया था. पहले यह सीमा 100 करोड़ रुपये की थी।

स्कीम के तहत कर्जदारों पर लागू होगी ये ब्याज दर
जिन कर्जदारों पर 29 फरवरी को 50 करोड़ रुपये का बकाया है और उनका सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये तक का है, उन्हें भी योजना के तहत पात्र माना गया है. योजना के तहत बैंकों से लिए गए कर्ज पर अधिकतम 9.25 फीसदी ब्याज होगा. वहीं, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFCs) 14 फीसदी की दर से ब्याज ले सकेंगे. योजना में कर्ज की अवधि चार साल है, जिसमें एक साल तक कर्ज वापसी नहीं होगी।

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