टॉपर्स का ऐसे देश छोड़कर जाना बहुत पीड़ादायक है

0
311

*इन प्रतिभाओं को कौन रोकेगा ?*

इंडियन एक्स्प्रेस में एक दिलचस्प रिपोर्ट छपी है. उन्होंने पड़ताल की है कि बीते 20-25 सालों में जिन बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में पूरा देश टॉप किया था, वे आज कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने 1996 से 2015 तक के कुल 86 टॉपर छात्रों को ट्रैक किया है।

ये रिपोर्ट देखते हुए एक दिलचस्प पहलू पर नजर पड़ी. वो ये कि इनमें से अधिकतर छात्र देश छोड़ चुके हैं. रिपोर्ट में दर्ज शुरुआती 25 छात्रों का ही उदाहरण लीजिए. ये वो छात्र हैं जो साल 1996 से 2005 के बीच टॉपर रहे. इन 25 में से सिर्फ़ 7 टॉपर ही आज भी देश में हैं जबकि 18 टॉपर विदेश जाकर बस चुके हैं।

25 में से जो सात टॉपर देश में हैं, उनमें से सिर्फ़ एक हैं जो डॉक्टर हैं. बाक़ी तीन लोग निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं और तीन अपना या अपने परिवार का व्यापार संभाल रहे हैं. अन्य 18 लोग ब्रेन-ड्रेन के आँकड़े का हिस्सा बनते हुए विदेशों में बस चुके हैं।

इन आँकड़ों से हिसाब लगा लीजिए कि देश में प्रतिभाओं के रुकने, पनपने और निखरने के कितने सीमित विकल्प हैं. और विदेशों में बसना सिर्फ़ बेहतर विकल्प का ही मामला नहीं बल्कि भारतीयों के लिए तो गर्व का विषय भी होता है. ‘बेटा कैलिफ़ोर्निया में जॉब करता है’ कह देना ही बेटे की सफलता की पूरी कहानी कह देने जैसा है. कोई पूछता भी नहीं कि क्या जॉब करता है, सब समझ जाते हैं कि यहां रहने से तो कुछ बेहतर ही कर रहा होगा।

इस देश में आज भी सफलता का सबसे बड़ा पैमाना यही है कि देश छोड़ दिया जाये।

कॉपी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here