देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश का कहर दिख रहा है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार बारिश से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। बारिश के कारण आए मलबे में दबने की वजह से पौड़ी में 02 महिला और एक बच्ची की दर्दनाक मौत हुई है, जबकि चंपावत में भी मलबे की चपेट में आने से एक महिला की जान गई है। कुमाऊं में कुल तीन मौतें हुई हैं।
जिलाधिकारी पौड़ी ने जानकारी दी कि तहसील लैंसडौन के क्षेत्रान्तर्गत छप्पर गिरने से 03 लोगों की मौत हो गई, जबकि 02 लोग घायल हो गये थे। घायलों को हायर सेंटर रैफर किया गया है।

जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के कारण पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल प्रखंड के लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के निकट भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। घटना स्थल के निकट ही काम कर रहे मजदूर सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। मलबा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण झोपड़ी में रहने वाली समूना (50 वर्ष) पत्नी नियाज हाल निवासी समखाल, सपना (40 वर्ष) पत्नी लिंगडा और अलीसा (4 साल) पुत्री सपना की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, निजाज पुत्र मुमताज(55) हाल निवासी समखाल और सविया(16) पुत्री नियाज घायल हुए है।
वहीं कुमाऊं मंडल में चंपावत के सेलाखोला गांव में एक कच्चा मकान मलबे की चपेट में आ गया है। इस हादसे में एक महिला की मौत हुई है। कुमाऊं क्षेत्र में बारिश से हुई घटनाओं में कुल 6 मौतें हुई हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय स्थित राज्य आपदा कन्ट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय राजमर्गों एवं अन्य सम्पर्क मार्गों की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी पौड़ी एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से मुख्यमंत्री ने फोन से वार्ता कर ताजा अपडेट लिया।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ में कल तक 06 हजार श्रद्धालु थे। जिसमें से चार हजार वापस आ गये हैं। शेष 02 हजार सुरक्षित स्थानों पर है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बारिश के कारण यदि कोई राजमार्ग बाधित होता है, तो उनमें आवगमन जल्द सुचाररू करने के लिए पूरी व्यवस्था हो। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री सुबह से सभी जिलाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।
