भाजपा प्रत्याशियों के समीकरण बिगाडने को तैयार पार्टी के दर्जनभर से अधिक बागी

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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने का काम पूरा हो चुका है। इस दौरान बडी संख्या में भाजपा एवं कांग्रेस के बागियों ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किये हैं। भारतीय जनता पार्टी में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इतनी बड़ी संख्या में विधानसभा चुनाव के दौरान बगावत हुई है। भारतीय जनता जनता पार्टी से नाराज लगभग दो दर्जन नेताओं ने चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है।

देहरादून जिले की बात करें तो देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के पूर्व सदस्य वीर सिंह पंवार ने निर्दलीय नामांकन कर सीटिंग विधायक विनोद चमोली की परेशानी बढ़ा दी है। इसी प्रकार कैंट विधानसभा में पूर्व राज्य मंत्री रहे दिनेश रावत ने निर्दलीय नामांकन कर भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर के लिए समस्या खड़ी कर दी है। इसी प्रकार देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट से युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सौरभ थपलियाल, जितेंद्र नेगी एवं राहुल पवार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर इस सीट पर भी भाजपा की परेशानी को बढ़ा दिया है।

इसी तरह यमुनोत्री सीट से जगबीर सिंह भंडारी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। घनसाली विधानसभा से सोहन लाल खंडेलवाल और दर्शन लाल ने भी पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है। धनोल्टी विधानसभा सीट पर महावीर रांगड़ भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी का खेल बिगाड़ते नजर आ रहे हैं। इसी तरह कोटद्वार से धीरेंद्र चौहान भी अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

पिरान कलियर से भी जय भगवान सैनी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराया है। जय भगवान सैनी पिरान कलियर से टिकट के प्रबल दावेदार थे। परंतु पार्टी ने वहां से मुनीष सैनी को प्रत्याशी घोषित किया है। जय भगवान सैनी के समर्थक भाजपा प्रदेश कार्यालय में इसके खिलाफ हंगामा भी कर चुके हैं। इसी प्रकार किच्छा से अजय तिवारी, अल्मोड़ा से दीपक रुद्रपुर से राजकुमार ठुकराल, लालकुआं से पवन चौहान, कालाढूंगी से पूर्व राज्य मंत्री गजराज बिष्ट भी चुनाव मैदान में उतर कर कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का गणित बिगाड़ रहे हैं। हालांकि जानकारी मिल रही है कि गजराज को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मिलकर मना लिया है।

अब देखने वाली बात होगी कितना नाम वापसी के दिन तक भाजपा इनमें से कितने प्रत्याशियों को नाम वापस लेने पर राजी कर पाती है। यदि इनमें से निर्दलीय प्रत्याशियों में वीर सिंह पंवार, दिनेश रावत, सौरव थपलियाल, महावीर रांगड़ सहित कई ऐसे मजबूत प्रत्याशी हैं कि यदि पार्टी ने उनको नहीं मनाया तो वह लगभग आधा दर्जन सीटों पर सीधे-सीधे पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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