यदि आप हैं इन बैंकों के ग्राहक तो बदल जायेगा आपका खाता नंबर और आईएफएससी कोड

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आज 1 दिसम्बर से कई बैंकों में बदल रहे हैं नियम, आरटीजीएस सुविधा में फायदा

नई दिल्ली। आज 1 दिसंबर 2020 से आम आदमी की जिंदगी से जुड़े कई तरह के बदलाव होने जा रहे हैं। इसमें RTGS और बैंक से जुड़े कई नियम भी चेंज हो जायेंगे, ज‍िसका सीधा असर आपकी जिंदगी पर पड़ने वाला है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) को लेकर नियम में बदलाव किया है।

‘RTGS सुविधा का फायदा’
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) को 24x7x365 उपलब्ध करने का ऐलान किया था। यह फैसला आज 1दिसंबर 2020 से लागू हो रहा है। अब आप RTGS के माध्यम से चौबीसों घंटे मनी ट्रांसफर कर सकेंगे. वर्तमान में RTGS सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है

एक दिसबंर से विलय किए गए आठ बैंकों के खाताधारकों का खाता नंबर के साथ ही बैंक का आईएफएससी कोड बदला जायेगा। बैंकों द्वारा खाताधारकों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर मैसेज के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। हालांकि बैंकों का नाम पहले ही बदला जा चुका है।

विलय होते ही बैंकों के नामों में तो परिवर्तन कर दिया गया था। लेकिन चेक बुक, खाता नंबर, एटीएम कार्ड और आईएफएससी कोड नहीं बदला गया था। बैंकों द्वारा खाता नंबर के साथ ही आईएफएससी कोड में भी बदलाव किया जा रहा है।

आज एक दिसंबर से होने वाले इस बदलाव के चलते खाताधारकों की परेशानियों को देखते हुए बैंकों द्वारा लगभग सप्ताह भर पहले से ही रजिस्टर्ड मोबाइल पर मेसेज के माध्यम से जानकारी मुहैया कराई जा रही है। हालांकि, जिन ग्राहकों का मोबाइल नंबर बैंकों में पंजीकृत नहीं है उनको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खाता नंबर में बदलाव की प्रक्रिया होते ही बैंकों द्वारा चेक बुक और एटीएम कार्ड को भी बदल दिया जायेगा।

इन बैंकों का हुआ है विलय
ओरियंटल बैक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में, देना बैंक और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक में विलय कर दिया गया है।

‘सावधानी आवश्यक है’
बैंकों के विलय की जानकारी होते ही ठगी करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। लोगों से फोन कॉल कर गोपनीय जानकारी मांगी जा रही हैं। जिसके चलते लोग ठगी का शिकार हो सकते हैं। बैंकों द्वारा मैसेज के माध्यम ये गोपनीय जानकारी शेयर नहीं करने को भी जागरूक किया जा रहा है।