लाखों रुपए की लागत से बनी पानी की टंकी बनी शोपीस।

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गांव में पानी सप्लाई न होने से ग्रामीण परेशान, पीने के पानी की किल्लत।

(खालिद मजीद)

पानी की नियमित रूप से सप्लाई न होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लंबे समय से पानी की समस्या चली आ रही है। गांव के अंतिम छोर पर 1 महीने में दो चार बार ही पानी की सप्लाई मिल पा रही है।
नकुड ब्लाक गांव खेडा अफगान के निवासियों ने बताया कि, पानी की नियमित आपूर्ति नही हो पाने के कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। अभी तक इस समस्या का कोई भी समाधान नही हो पा रहा है। सरकार ने लाखों रुपए की लागत से ग्रामीणों की पानी की व्यवस्था को सुधारने के लिए पानी की टंकी का निर्माण करवाया था, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है। ग्रामीणों को पानी पीने के लिए नहीं मिल पा रहा है। टंकी परिषद के आसपास भारी गंदगी व्याप्त है दरवाजा तो खुला रहता है लेकिन पानी टंकी परिसर पर कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिलता। लापरवाही के चलते चारों ओर गंदगी फैली हुई है। ग्रामीणों ने बताया यहां पर कर्मचारी तो तैनात हैं लेकिन वह भी कभी-कभी आता है। हफ्ते में एक दो बार 1 घंटे के लिए पानी आता है। उसके बाद फिर हफ्तों भर गायब रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि टंकी पर कार्यरत कर्मचारी ने पहले गांव में घर-घर लोगों से यह कहकर बिजली की मोटर रखवाई के बिना मोटर के पानी नहीं आएगा। अब लोगों ने अपने घरों में मोटर तो लगवा ली पर समस्या और बढ़ गई। अब बिजली है तो पानी नहीं पानी है तो बिजली नहीं का खेल पिछले लगभग 1 वर्ष से गांव में चल रहा है। जिससे ग्रामीण पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि टंकी पर नियुक्त कर्मचारी सप्लाई देने में मनमानी करता है। वही गांव की जिम्मेदार इस और आंखें बंद किए हुए बैठे हैं जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सहारनपुर जिला अधिकारी से मिलकर इस समस्या से अवगत कराया जाएगा।