CBI ने प्रयागराज और कानपुर में वक्फ की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी के आरोपों के बाद इस मामले में FIR दर्ज की है.
लखनऊ। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की शिकायत के बाद CBI ने रिजवी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी की एंटी करप्शन ब्रांच ने यह कार्रवाई की है. मालूम हो कि प्रयागराज और कानपुर में वक्फ संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की गई थी. इसी में धोखाधड़ी और गड़बड़ी का आरोप लगा था।
वक्फ की संपत्ति बेचने को लेकर 8 अगस्त 2016 में प्रयागराज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके अलावा 27 मार्च 2017 को लखनऊ के हजरतगंज में कानपुर स्थित वक्फ की संपत्ति को ट्रांसफर करने पर मामला दर्ज किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने लखनऊ और प्रयागराज में दर्ज मामलों को आधार बनाते हुए वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. रिजवी पर आरोप है कि उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए वक्फ की संपत्तियों की खरीद-बिक्री में घोटाला किया है।
लखनऊ में दर्ज हुए मामले में वक्फ बोर्ड के दो अन्य अफसरों समेत पांच को नामजद किया गया है. शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में गड़बड़ी के दोनों मामले सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इन मामलों की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद अब इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज की है।