देहरादून। प्रदेश में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाला मामला सामने आया है। जहां लगभग एक लाख रुपये तनख्वाह लेने वाली एक प्रधानाध्यापक मात्र ढाई हजार रुपये में गांव की ही लड़की को अपने स्थान पर पढाने के लिए रखकर घर बैठे तनख्वाह ले रही है।
यह मामला उस वक्त सामने आया जब पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाडी, थलीसैण का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत स्कूल में अनुपस्थित मिली। प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपने स्थान पर गांव की ही एक युवती को रखा हुआ है, जिसे वह 2500 रुपए हर महीने देती हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के वेतन आहरण पर रोक लगाने के साथ ही उनका स्पष्टीकरण तलब किया है।