अभिनंदन कुमार नामक युवक ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर खुद को ब्राह्मण जाति में शामिल करने की मांग की है और इसके लिए सीएम से सिफारिश करने को कहा है. उसने लिखा है कि वह आरक्षण नहीं लेना चाहता है, बस उसको ब्राह्मण जाति में शामिल कर लिया जाए. इसके सिवा और कुछ नहीं चाहिए. दलित युवक की इस चिट्ठी ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. साथ ही कईयों को सोचने पर विवश कर दिया है.
दलित समाज के लोगों को अक्सर आरक्षण को लेकर ताने दिये जाते हैं, यहां तक की बहस के दौरान दलित युवकों के करीबी मित्र भी आरक्षण को लेकर ताने देने से बाज नहीं आते. ऐसे लोगों को बिहार के एक युवक ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. जब तमाम सवर्ण जातियों के लोग अपने लिए आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, यह युवक अपना आरक्षण छोड़ने को तैयार है. इसके लिए उसने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है.
युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर खुद को ब्राह्मण जाति में शामिल करने की मांग की है और इसके लिए सीएम से सिफारिश करने को कहा है. उसने लिखा है कि वह आरक्षण नहीं लेना चाहता है, बस उसको ब्राह्मण जाति में शामिल कर लिया जाए. इसके सिवा और कुछ नहीं चाहिए, दलित युवक की इस चिट्ठी ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. साथ ही कईयों को सोचने पर विवश कर दिया है.
अब आप आगे की कहानी सुनेंगे तो आप भी खुद को इस युवक की वाहवाही करने से नहीं रोक पाएंगे. सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखने वाले इस दलित युवक का नाम अभिनंदन कुमार है, जो हरिजन जाति का है. अभिनंदन का कहना है कि कुछ समय पहले बिहार के कुछ सवर्ण जाति के लोगों ने धरना देकर दलित बनने की मांग की थी. स्थानीय अखबारों में छपी एक खबर के मुताबिक इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से उन सवणों के मांग की अनुशंसा की है. इस पर मैने सोचा कि क्यों ना में भी ब्राह्मण जाति अपना लूं, ताकि ब्राह्मण बनकर मुझे सदियों की प्रताड़ना से मुक्ति मिल सके. में आरक्षण नहीं चाहता मुझे बस दलित जाति से मुक्ति चाहिए अभिनंदन दलित जातियों में शामिल होने वाले सवर्णों का स्वागत करते हुए कहते हैं कि वे आएं दलित बने, आरक्षण लें लेकिन इसके साथ ही वह दलितों की तरह नालियों की सफाई, मरे पशुओं को फेंकना, चप्पल- जूता पॉलिश का काम भी करें.
सीएम को पत्र लिखने वाले अभिनंदन अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के शेखपुरा जिला के अध्यक्ष हैं. युवक की इस पहल ने सोशल मीडिया पर एक बहस को जन्म दे दिया है. अभिनंदन ने सीएम नीतीश को जो चिट्ठी लिखी है वह यूं है-
मुख्यमंत्री जी,
निवेदनपूर्वक कहना है कि मैं अभिनंदन कुमार, पिता स्व. भुवनेश्वर दास, चमार जाति से हूं में ब्राह्मण जाति का बनना चाहता हूं. मुझे सवर्ण में ब्राह्मण जाति का बनाया जाय. में आरक्षण छोड़ना चाहता हूं क्योंकि हमसे बड़े-बड़े जाति के लोग अब दलित बनने के लिए तैयार हैं. ऐसे में में सवर्ण बनने के लिए तैयार हूं क्योंकि सदियों से हरिजन, दलित, चमरवा आदि प्रताड़ना झेलते आ रहा हूं इन सभी से निजात पाने के लिए में सवर्ण बनना चाहता हूं, तब तो कोई मुझे प्रताड़ित नहीं करेगा. जब आप किसी को भी किसी जाति में शामिल कराने को सक्षम हैं तो फिर मुझे भी सवर्ण जाति में शामिल करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. मेरे लिए भी केंद्र सरकार से सिफारिश करने की कृपा करें. ताकि मैं भी ब्राह्मण की तरह बाकी जाति के लोगों पर शान से राज कर सकूं.
मेरा जो काम है जैसे लोग कहते हैं मरा जानवर ढोना, चप्पल-जूतो में पालिश करना, गंदगी साफ करना ये सब वो लोग करेंगे जो दलित बनने को तैयार हैं. और उन्हें ही आरक्षण की जरूरत पड़ेगी. तब वे आरक्षण के हकदार भी होंगे. क्योंकि पहले जाति बना और जाति कार्य के आधार एवं परिवारिक स्थिति के अनुसार आरक्षण मिला. तो आरक्षण समाप्त करने का मतलब जाति भी समाप्त. जब आरक्षण लेने वाली जाति समाप्त हो जाएगी तो सभी ऊंची जाति हो जाएंगे यानि सवर्ण बन जाएंगे. मुझे सवर्ण में ब्राह्मण जाति का बनाया जाए. इस उपकार के लिए श्रीमान का मैं सदा आभारी रहूंगा।
सादर
अभिनंदन कुमार