देहरादून। उत्तराखंड में चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो चुकी है। देवस्थानम बोर्ड एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। पीएम मोदी केदारनाथ धाम आने वाले हैं तो वहीं उनसे पहले पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी और विस अध्यक्ष राणा केपी केदारनाथ पहुंचे हैं। यहां उन्होंने बर्फ़बारी के बीच बाबा केदार के दर्शन किए। वहीं, इस दौरान तीर्थपुरोहितों से भी कांग्रेस नेताओं ने मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं के केदारनाथ दौरे के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। एक ओर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज आंदोलन की रूपरेखा तय कर रहा है। पीएम मोदी के दौरे का भी विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है, जबकि तीर्थ पुरोहितों की देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को नहीं सुना जा रहा है। ऐसे में तीर्थ पुरोहित पीएम मोदी के दौरे का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि आज सुबह पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू समेत अन्य कांग्रेस नेता देहरादून पहुंचे थे। ऐसे में केदारनाथ धाम जाने से पहले इन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के आवास पर पहुंचकर मुलाकात की थी। इस मौके पर मीडिया से मुखातिब होते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि धर्म पथ से बड़ा कोई कर्तव्य पथ नहीं है। गरीब को भोजन करा देना, रोते को हंसा देने से बड़ा कोई धर्म नहीं है। यह महादेव का संदेश है, इसलिए वो आज यहां देवभूमि में बाबा केदार का आशीर्वाद लेने आए हैं।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब का कल्याण में हम अपना कल्याण निहित करें। पंजाब और पंजाबियों की जीत हो, इसी कामना को लेकर केदारनाथ जा रहे हैं और उनके साथ बाकी सभी लोग भी यही चाहते थे। पंजाब और देश की भलाई के लिए ही वो प्रार्थना करेंगे। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि, उन्होंने पहले ही कहा था कि पंजाब में अब सब ठीक है। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है, हम चुनौतियों से पार पा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि यह जारी रहेगा और हरीश चौधरी ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे आप सीख सकते हैं। यह हमें पंजाब में जीत की ओर ले जा रहा है। निश्चित रूप से पंजाब में कांग्रेस जीत का परचम लहराएगी।
गौरतलब है बीते रोज ही केदारधाम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे को लेकर तीर्थ पुरोहितों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था। तीर्थपुरोहितों ने काले झंडे दिखाने के साथ ही त्रिवेंद्र के खिलाफ नारेबाजी भी की थी, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री को केदारनाथ के दर्शन किए बगैर वापस लौटना पड़ा था। पुरोहितों ने तो केदारनाथ में भाजपा नेताओं की एंट्री बैन करने की बात तक कही थी। इसी घटना के ठीक एक दिन बाद पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने केदारनाथ के दर्शन किए। भाजपा नेताओं के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस नेताओं के इस दौरे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।