नई दिल्ली। कांग्रेस ने स्विस बैंकों में जमा भारतीय नागरिकों का व्यक्तिगत पैसा और कंपनियों का पैसा 2020 में बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये से अधिक हो जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. पार्टी ने कहा है कि सरकार श्वेत पत्र लाकर देशवासियों को बताए कि यह पैसा किनका है और विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कालाधन लाने और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन 7 साल बीत जाने के बावजूद उसने अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा स्विस बैंक में जमा की जाने वाली धनराशि के साल, 2020 के आंकड़े स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी कर दिए गए. एक तरफ लगभग 97% भारतीय पिछले साल और ज्यादा गरीब हो गए तो दूसरी तरफ 2020 में स्विस बैंकों में जमा राशि बढ़ रही है. उन्होंने बताया, साल 2020 में स्विस बैंकों में कुल जमा राशि साल 2019 की तुलना में बढ़ कर 286% हो गई. कुल जमा राशि 13 साल में सबसे ज्यादा है, जो साल 2007 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है।
वल्लभ ने यह दावा भी किया, एक और बड़ा खुलासा बैंक फॉर इंटरनेशनल सैटेलमेंट ने स्विस बैंक में विभिन्न नागरिकों द्वारा जमा किए गए धन के बारे में किया, जिससे प्रदर्शित होता है कि भारतीय नागरिकों द्वारा स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि 2019 की तुलना में 2020 में 39 प्रतिशत बढ़ी. उनके मुताबिक, 2014 में सत्ता में आने से पहले, भाजपा ने दावा किया था कि भारतीयों ने 250 अरब डॉलर यानि 17.5 लाख करोड़ रु. अकेले स्विट्जरलैंड के बैंकों में छिपाया हुआ है. भाजपा ने यह वादा भी किया कि विदेशी बैंकों में छिपाए गए इस काले धन को वापस लाया जाएगा और हर भारतीय को उसके खाते में 15 लाख रुपये मिलेंगे. लेकिन पिछले 7 सालों में, मोदी सरकार बातों में महारत, काम में नदारद सरकार बन गई।