लखनऊ. उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021) की तारीखों का ऐलान अभी होना बाकी है. इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में खर्च के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है. इस गाइडलाइन ने पंचायत चुनाव में पहली बार उतरने का मन बना रहे लोगों को बड़ी राहत दी है. कारण ये है कि आयोग ने इस बार चुनावी खर्च बेहद कम कर दिया है. पिछले पंचायत चुनाव (2015) में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए खर्च की जो अधिकतम सीमा 75 हजार रुपये थी, वह अब घटाकर महज 30 हजार रुपये कर दी गई है. ही नहीं जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी को पिछले चुनाव में डेढ़ लाख रुपये खर्च की सीमा निर्धारित थी, वो अब आधी यानी 75 हजार रुपये हो गई है. इसी तरह बीडीसी सदस्य के चुनाव के लिए 25 हजार रुपये, ब्लॉक प्रमुख के लिए 75 हजार रुपये, वार्ड मेंबर के लिए 5 हजार रुपये और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दो लाख रुपये की खर्च सीमा निर्धारित की गई है.
यही नहीं जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी को पिछले चुनाव में डेढ़ लाख रुपये खर्च की सीमा निर्धारित थी, वो अब आधी यानी 75 हजार रुपये हो गई है. इसी तरह बीडीसी सदस्य के चुनाव के लिए 25 हजार रुपये, ब्लॉक प्रमुख के लिए 75 हजार रुपये, वार्ड मेंबर के लिए 5 हजार रुपये और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दो लाख रुपये की खर्च सीमा निर्धारित की गई है।
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में साफ कर दिया गया है कि चुनावी खर्च सीमा से ज्यादा अगर कोई भी प्रत्याशी खर्च करेगा तो उसका उसे लिखित जवाब खर्च के हिसाब के साथ देना होगा. चाहे वह प्रधान पद प्रत्याशी हों या फिर वार्ड मेंम्बर, बीडीसी सदस्य, ब्लाक प्रमुख सहित कोई भी पद हो, सभी को चम्मच से लेकर कुर्सी और दरी तक का हिसाब देना पड़ेगा.
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में साफ कर दिया गया है कि चुनावी खर्च सीमा से ज्यादा अगर कोई भी प्रत्याशी खर्च करेगा तो उसका उसे लिखित जवाब खर्च के हिसाब के साथ देना होगा. चाहे वह प्रधान पद प्रत्याशी हों या फिर वार्ड मेंम्बर, बीडीसी सदस्य, ब्लाक प्रमुख सहित कोई भी पद हो, सभी को चम्मच से लेकर कुर्सी और दरी तक का हिसाब देना पड़ेगा.