ऑन ड्यूटी ट्रैफिक इंस्पेक्टर को पीटने वाले आरोपियों को 24 घंटे के भीतर मिली ज़मानत

166

अलीगढ़ में ऑन ड्यूटी ट्रैफिक इंस्पेक्टर को भाजपाइयों ने पीट दिया। दो आरोपी मामले में पकड़े गए। दोनों पर शांति भंग के आरोपों में कोर्ट में पेश किया गया जहां से दोनों को जमानत मिल गई।

अलीगढ़ में मॉडीफाइड साइलेंसर युक्त बुलट बाइक रोकने से जुड़े विवाद में ट्रैफिक इंस्पेक्टर को पीटने के आरोपी व बाइक स्वामी को जमानत मिल गई। सात वर्ष से कम सजा की धाराओं में मुकदमा होने के चलते अदालत में रिमांड मंजूर न होने के कारण उन्हें एसीएम के समक्ष पेश किया गया। जहां शांति भंग में उन्हें निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि पुलिस दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है। अब इस मामले में पुलिस स्तर से अन्य आरोपियों की पहचान उजागर करने के बिंदु पर विवेचना जारी है।

उक्त घटना 25 अक्तूबर रात की है। जब ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने मॉडीफाइड साइलेंसर युक्त बुलट को आतिशबाजी की आवाज करने पर रसलगंज चौराहे के पास रोका था। उस पर सवार दोनों युवक चेकिंग के नाम पर कागज नहीं दिखा सके थे। बाद में दोनों ने मालवीय पुस्तकालय स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचकर अपने तमाम साथी भाजपा कार्यकर्ता बुला लिए। यहां भाजपाइयों ने टीआई से विवाद करते हुए उन्हें गाड़ी से खींचकर पीट दिया था।

बाद में टीआई पर ही नशे में होने व टक्कर मारकर गाड़ी गिराने व अभद्रता करने का आरोप मढ़ दिया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर विवाद शांत कराया। बाद में टीआई को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। जहां नशे में होने के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई और सीसीटीवी जांच में पूरी घटना में टीआई की गलती नहीं पाई गई। जिसके आधार पर तडक़े चार बजे टीआई की तहरीर पर भाजपा से पार्षद प्रत्याशी रहे विशाल व बाइक स्वामी रसलगंज के सोनू को हिरासत में लिया गया। इन दोनों सहित दस बारह अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में उजागर हुआ कि सोनू की बाइक पर भाजपा का एक अन्य कार्यकर्ता सवार था। उसी ने तमाम भाजपाई सूचना देकर बुलाए थे।

भाजपा कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस पर उसे छोड़े जाने का दबाव बन रहा था। हालांकि पुलिस ने छोडऩे से इंकार कर दिया। देर रात तक चली कवायद के बाद तय हुआ कि दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। वहां से जो तय होगा, वही मान्य होगा। इसे लेकर 26 अक्तूबर को ही रिमांड मजिस्ट्रेट के यहां मुकदमे का विवचरण भेजा गया। मगर मुकदमा चूंकि सात वर्ष से कम सजा की धाराओं का है, इसलिए अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में न्यायिक अभिरक्षा में लेने संबंधी रिमांड मंजूर करने पर सहमति नहीं दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को रात भर हिरासत में रखा और 27 अक्तूबर को शांति भंग में पाबंद कर एसीएम के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें निची मुचलके पर जमानत देकर रिहा कर दिया गया।

टीआई से जुड़े विवाद में जिन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें चालान के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। अब पुलिस मामले में अन्य आरोपियों के नाम उजागर करने संबंधी आगे की विवेचना पर फोकस किए हुए है और गिरफ्तार दोनों आरोपियों पर चार्जशीट बृहस्पतिवार को ही लगा दी गई है। -मृगांक शेखर पाठक, एसपी सिटी