देहरादून। उत्तराखंड में दूसरे चरण यानी आज से ठीक एक माह बाद 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। कांग्रेस भाजपा समेत अन्य पार्टियां चुनावी रण को फतह करने के लिए गंभीरता से रणनीति बनाने में जुटी हुई है। कांग्रेस में जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की गुटबाजी मिशन 2022 को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं भाजपा को भी सत्ता विरोधी लहर का सामना इस चुनाव में करना पड़ सकता है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बार 60 पार का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने जा रही है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के लगातार जारी सर्वे में लगभग डेढ़ दर्जन विधायकों की जीत संदिग्ध बनी हुई है। ऐसी सीटों को खतरे की श्रेणी में रख नये नामों पर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि नाराजगी झेल रहे विधायकों का टिकट कटने से भाजपा फिर से सरकार बना सकती है। संघ की रिपोर्ट भी इन विधायकों के टिकट कटने का भी मुख्य आधार बनेगी।
सर्वे में इन विधायकों की जीत के पीछे सिर्फ 2017 की मोदी लहर को अहम कारक माना गया। इसके अलावा बीते 5 साल में विधायकों की नॉन परफार्मेन्स भी उनके टिकट कटने का आधार बन रही है।
विभिन्न मीडिया संस्थानों के शुरुआती सर्वे में भाजपा को बढ़त के साथ दोबारा सरकार बनाते दिखाया गया था। लेकिन हालिया सर्वे में भाजपा व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है।
जिसको देखते हुए भाजपा ने खतरे में दिख रही कई विधानसभा सीटों पर नये उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश भाजपा में मची भगदड़ के बाद उत्त्तराखण्ड में भाजपा टिकट कटने वाले विधायकों की सूची सीमित करने पर भी विचार करने पर बाध्य दिख रही है।
बहरहाल, 2022 के चुनाव में जिन विधायकों का टिकट कटने की संभावना जतायी जा रही है। उनमें ये नाम चर्चाओं में हैं। हालांकि, आखिरी समय में मजबूत विकल्प नहीं मिलने पर कुछ सिटिंग विधायकों का टिकट सुरक्षित रह सकता है।
1- धर्मपुर- विनोद चमोली
2- सहसपुर- सहदेव पुण्डीर
3- राजपुर रोड- खजानदास
4- कर्णप्रयाग- सुरेंद्र सिंह नेगी
5- प्रतापनगर- विजय सिंह पंवार
6- द्वारहाट- महेश नेगी
7- बद्रीनाथ- महेन्द्र भट्ट
8- थराली- मुन्नी देवी
9- पौड़ी (सु)– मुकेश कोली
10- झबरेड़ा (सु)-देशराज कर्णवाल
11- काशीपुर- हरभजन सिंह चीमा
12- अल्मोड़ा- रघुनाथ सिंह चौहान
13- टिहरी- धन सिंह नेगी
14- कपकोट – बलवंत भौर्याल
15- लालकुंआ – नवीन दुमका
16- गंगोलीहाट (सु)- मीना गंगोला