देहरादून। भारतीय जनता पार्टी द्वारा काशीपुर से सिटिंग विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को काशीपुर विधानसभा से टिकट दिये जाने को लेकर यहां भाजपा में बगावत के सुर इस कदर बुलंद हुए कि काशीपुर में आयोजित आपात बैठक के दौरान मेयर ऊषा चौधरी सहित कई वरिष्ठ भाजपाईयों ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक होटल के सभागार में आयोजित दावेदारों की बैठक में भाजपा की गलत नीतियों के विरोध में काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
बता दें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी थी, जिसमें राम मेहरोत्रा, आशीष गुप्ता, गुरविंदर सिंह चण्डोक समेत तमाम ऐसे पदाधिकारी रहे जिन्होंने जीवन का तमाम समय भाजपा को समर्पित कर दिया। लेकिन इन सभी की दावेदारी को पार्टी ने नकार दिया और विधायक चीमा के पुत्र को प्रत्याशी घोषित कर दिया। बता दें विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपने पुत्र को सत्तासीन करने के लिए चुनावों की तारीख घोषित होने से कुछ दिन पूर्व ही पार्टी में शामिल कराया। इसके बाद वह अपने पुत्र भाजपा से टिकट दिलवाने में भी कामयाब हो गये। लेकिन भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को चीमा का यह कारनामा नगावार लगा। उन्होंने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी को लेकर बाजपुर रोड स्थित एक होटल के सभागार में भाजपा के तमाम दावेदारों व पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक आहूत की गयी। बैठक में राय शुमारी के बाद तय किया गया कि यदि पार्टी नीतियों में तब्दीली नहीं करती तो वह अपने-अपने पदों से इस्तीफा देंगे। अंततः पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
भाजपा के अंर्तकलह ने साफ कर दिया है कि भाजपा के लिए अब काशीपुर सीट पर खतरा बढ़ गया है। बताया गया है कि सामूहिक इस्तीफा देने वालों में मेयर उषा चौधरी, चिकित्सा प्रकोष्ठ के डा. गिरीश तिवारी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राम मेहरोत्रा, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता, महानगर अध्यक्ष मोहन बिष्ट, जिला उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह चण्डोक, भाजयुमों के जिलाध्यक्ष सर्वजीत सिंह, गुरबख्स सिंह बग्गा, समेत तमाम भाजपाई शामिल है।