आचार संहिता लगने से अटकी हजारों पदों पर भर्ती, पुलिस की भर्ती प्रक्रिया भी प्रभावित

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देहरादून। प्रदेश में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने से सरकारी विभागों में 10 हजार पदों पर भर्ती लटक गई है। उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा अब 13 फरवरी की जगह 27 फरवरी को प्रस्तावित हो गई है। इसके अलावा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की करीब 10 हजार से ज्यादा पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लटक गई हैं। कारण अधिकांश कार्मिकों केे चुनाव तैयारी में व्यस्त रहने से भर्ती का आयोजन संभव नहीं है। ऐसे में रोजगार की राह ताक रहे हजारों बेरोजगारों के सपने फिर चकनाचूर होते नज़र आ रहे हैं।

पीसीएस परीक्षा अब 27 फरवरी को
उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा को लेकर बेरोजगार लम्बे अरसे से इंतजार कर रहे हैं। करीब पांच मुख्यमंत्री बदलने पर भी राज्य में पीसीएस परीक्षा नहीं हो पाई। करीब 6 साल बाद निवर्तमान सरकार ने पीसीएस परीक्षा आयोजित की। लेकिन पदों को लेकर असमंजस की स्थिति रही। पहले करीब 224 पदों पर विज्ञप्ति निकाली। इसमें एसडीएम के पद छोड़ दिये। बाद में एसडीएम समेत अन्य कुल 94 पद जोड़ दिए। अब करीब 314 पदों पर परीक्षा होनी है। राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा तैयारी में तेजी से जुटा था। इसके लिए पहले 13 फरवरी को प्री एग्जाम की डेट निकाली थी। लेकिन आचार संहिता को देखते हुए इसमें संशोधन किया। अब पीसीएस परीक्षा 27 फरवरी को प्रस्तावित की हैं। हालांकि 10 मार्च को मतगणना होनी है। ऐसे में तमाम कार्मिक, स्कूल और पुलिस फोर्स की व्यस्तता के चलते नई तारीख को भी परीक्षा संपन्न करानी की चुनौती आयोग के समक्ष रहेगी।

शिक्षकों के 2648 पदों को भरने में छूट रहे पसीने
उत्तराखंड में बेसिक शिक्षकों के कुल 2648 पदों पर करीब छह माह से भर्ती चल रही है। लेकिन अभी तक 60 फीसद भर्ती भी पूरी नहीं हुई है। अब तक जो भर्ती हो चुकी हैं उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में चुनाव संपन्न होने तक शेष भर्ती पूरी होंगी, इस पर कुछ कहना मुश्किल है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले 2287 और बाद में बैकलॉग के 361 पदों पर बेसिक शिक्षकों की भर्ती निकाली थी।

इन पदों पर हजारों डीएलएड, बीएड, टीईटी पास अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। भर्ती प्रक्रिया में एक अभ्यर्थी ने एक पद के लिए एक से ज्यादा जनपद में आवेदन किया। काउंसलिंग पर एक अभ्यर्थी का नाम दो से ज्यादा जिलों की सूची में आ रहा है। इससे बार बार काउंसलिंग हो रही है। यदि राज्य स्तर पर काउंसलिंग होती तो जल्द भर्ती पूरी होती। लेकिन यहां सब धीमी गति और उलझाने वाली प्रक्रिया से चल रहा है। राज्य निदेशक बेसिक शिक्षा आरके उनियाल का कहना है कि अभी तक 60 फीसद भर्ती हुई है।।प्रक्रिया जारी है। जल्द भर्ती पूरी हो जाएगी।

अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया से जुड़े कार्मिकों और अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से जुड़े कार्यक्रम में भी जाना है। ऐसे में इस साल भर्ती पूरी होगी, कहना मुश्किल है।

पुलिस भर्ती प्रक्रिया भी लटकी
उत्तराखंड के बेरोजगारों को सबसे ज्यादा उम्मीदें पुलिस भर्ती से थी। इसकी लिए विज्ञप्ति तो निकल गई। लेकिन चुनाव आचार संहिता ने इस पर भी पानी फेर दिया। अब सिर्फ आवेदन तो होंगे, लेकिन लिखित परीक्षा, शारीरिक मापदंड समेत अन्य फिजिकल प्रक्रिया संभव नहीं है। पुलिस फोर्स चुनाव में तैनात रहने से पुलिस सिपाही और दारोगा के करीब दो हजार पदों पर भी बेरोजगारों को फिलहाल नौकरी मिलने की उम्मीदें कम ही है। इधर, पटवारी, लेखपाल, पर्यावरण पर्यवेक्षक, आईटीआई, फॉरेस्ट गार्ड, वाहन चालक, आदि पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया आदर्श आचार संहिता के दायरे में आने से प्रभावित हो गई हैं।