चारधाम यात्रा पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 7 जुलाई तक रोक लगाई

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देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने चारधाम की लाइव स्ट्रीमिंग करने के भी निर्देश दिये हैं। खंडपीठ ने 25 जून के कैबिनेट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें चारों धामों के आसपास के जिलों के निवासियों को आर.टी.पी.सी.आर. नैगेटिव रिपोर्ट लेकर दर्शनों को जाने की अनुमति दे दी गई थी।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को 7 जुलाई तक दोबारा शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। पूर्व में सरकार की तरफ से 700 पेज का शपथपत्र पेश किया गया था। न्यायालय ने शपथपत्र को भ्रामक और न्यायालय को गुमराह करने वाला बताया था। न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों का कारण सरकार की आधी अधूरी तैयारियों के कारण से हुई। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि सरकार ने कोविड के नियमों का पालन नहीं किया है।

चारधाम यात्रा शुरू करने के सम्बंध में न्यायालय ने मुख्य सचिव से पूछा था कि आगामी 28 जून को न्यायालय को बताया जाये कि या तो चारधाम यात्रा स्थगित करें या यात्रा की तिथि आगे बढ़ाए, इसको कैबिनेट में रखकर निर्णय लें और 28 जून को न्यायालय को बताएं। मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान की खंडपीठ ने आज सुनवाई के दौरान कैबिनेट के 25 जून के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें चारों धामों के आसपास के जिलों को नागरिकों को आर.टी.पी.सी.आर. नैगेटिव रिपोर्ट लेकर दर्शनों की एक जुलाई से अनुमति दी गई थी। न्यायालय ने सरकार से अपने जवाब का एफिडेविट जमा करने को भी कहा है।

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