देहरादून में 5 लोगों के हत्यारे को अदालत ने सुनाई मृत्युदंड के साथ ही एक लाख रू के जुर्माने की सजा़

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देहरादून। सात साल पहले दीवाली की रात में परिवार के 5 सदस्यों को बेरहमी
से कत्ल करने वाले हरमीत को न्यायालय ने कल दोषी करार दे दिया था। आज कोर्ट ने उसे उस जघन्य हत्याकांड के लिए फांसी की सजा सुनाई है। 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। हत्याकांड में हरमीत की बहन के गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई थी। अपर जिला जज पंचम आशुतोष मिश्रा की अदालत ने यह फैसला सुनाया। अभियोजन
की ओर से अधिकतम सजा फांसी की मांग की गयी यही।

शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि हत्याकांड 23-24 अक्तूबर 2014 को
कैंट थाना क्षेत्र के आदर्शनगर में हुआ था। यहां होर्डिंग कारोबारी जय सिंह
का मकान है। इस मकान में जय सिंह, उनकी पत्नी कुलवंत कौर, बेटी हरजीत कौर, नातिन सुखमणि(तीन साल), नाती कंवलजीत सिंह(पांच साल) और बेटा हरमीत (जय‌ सिंह की पहली पत्नी का बेटा) रहते थे। दीवाली से अगले दिन घर के अंदर से कोई बाहर नहीं निकला था। कुछ देर बाद वहां नौकरानी राजी पहुंची तो उसने देखा कि घर में खून ही खून फैला हुआ था।

वह अंदर गई तो वहां हरजीत कौर, सुखमणि, जय सिंह और कुलवंत कौर के क्षत
लहुलूहान शव पड़े हुए थे। दरवाजे की ओट में हाथ में चाकू लिए हरमीत खड़ा
था। पास में ही पांच साल का कंवलजीत भी डरा सहमा हुआ खड़ा था। उसके हाथों
में भी घाव थे। यह सब नजारा देखकर वह चिल्लाती हुई बाहर आई। आसपास के लोग भी वहां इकट्ठा हो गए। पास में रहने वाले जय सिंह के भाई अजीत सिंह आए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्काल मौके से हरमीत को मय आला कत्ल (चाकू) के गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने तीन माह बाद हरजीत के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कुछ समय बाद मुकदमे का ट्रायल सेशन कोर्ट में शुरू हुआ। इस मुकदमे में वादी की ओर
से अधिवक्ता बीडी झा भी शामिल रहे। मुकदमे में कुल 21 गवाहों की गवाही हुई।
इन्हीं के आधार पर हरमीत सिंह को आईपीसी की धारा 302(हत्या), धारा
307(हत्या का प्रयास) और 316(गर्भस्थ शिशु की हत्या करना) में दोषी ठहराया
गया था।