देहरादून। राजधानी देहरादून की कैंट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़े निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश रावत ने ईवीएम पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि उन्हें उनके सहयोगियों के बूथ पर उन्हें एक भी वोट नहीं मिला। यहां तक कि उनके दो भाइयों के परिवार के सदस्यों के भी पूरे वोट उनको नहीं मिले। उनके दो भाइयों के परिवार में 10 मतदाता सदस्य हैं लेकिन उस बूथ पर भी उन्हें मात्र 4 वोट मिले हैं। जिसके चलते उन्होंने चुनाव आयोग से वीवीपैट मशीनों से वोटों के मिलान करने की मांग की है।
निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश रावत ने बताया कि उन्होंने चुनाव के दौरान क्षेत्र में दिन रात मेहनत की है। रावत का दावा है कि उनको वास्तव में 10 से 12 हजार वोट पड़े हैं लेकिन ईवीएम की गणना में उन्हें बहुत ही कम वोट प्राप्त हुए इससे साफ है कि ईवीएम में गड़बड़ी थी।
रावत ने कहा कि बूथ संख्या 42 पर उनके दो भाइयों एवं उनके परिवार के सदस्यों के 10 वोट हैं लेकिन इस बूथ पर उनको मात्र 4 वोट मिले हैं। साथ ही लगभग 3 दर्जन लोग चुनाव में उनके सहयोगी थे जो दिन-रात उनके साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे लेकिन उनके बूथों पर उनको एक भी वोट नहीं मिला। मतगणना के दौरान मौके पर ही उन्होंने इसका विरोध भी किया और अधिकारियों से वीवीपेट से मिलान करने की मांग की लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की गई। रावत ने कहा कि विपक्ष कई सालों से ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा था उनका आरोप गलत नहीं है इसकी जांच होना बहुत जरूरी है।