पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड में तत्काल बने सुरक्षा कानून: विक्रम श्रीवास्तव

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देहरादून। वरिष्ठ पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव ने उत्तराखंड में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल कानून बनाकर लागू करने की राज्यपाल से मांग की है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन देने पहुंचे पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव को पुलिस ने राजभवन के बाहर ही रोक दिया। दरअसल पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव पत्रकारों के ऊपर हो रहे फर्जी आपराधिक मामले के विरोध में राजभवन संकेतिक धरना देने पहुंचे थे।

ज्ञात हो कि पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव के ऊपर भी पूर्व में 384 के दो मामले दर्ज हैं इनमें से एक मामला क्रॉस FIR के तहत देहरादून थाना क्लेमेंट टाउन में दर्ज हुआ है जिसमें मैनेजर की शिकायत पर बिना किसी सबूत के 452 384 147 504 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया जबकि 25 सितंबर 2021 को दोपहर में कॉल सेंटर मालिक हरकीरत सिंह के खिलाफ पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव ने जानलेवा हमले की शिकायत की थी जिसमें 147 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया जिसकी जांच चल रही है।

विक्रम श्रीवास्तव का आरोप है कि पुलिस को कहने के बावजूद भी उन्होंने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं किया जिसके चलते विपक्षी गणों फायदा पहुंच रहा है। अन्य पत्रकार साथियो पर भी हुए उत्पीड़न से क्षुब्द होकर विक्रम श्रीवास्तव ने प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न कानून की मांग की है। विक्रम श्रीवास्तव ने कहा कि फ़र्ज़ी मुकदमो के कारण पत्रकारो का मानसिक नुकसान तो होता ही है साथ ही कोर्ट के चक्कर मे आर्थिक नुकसान भी हो होता है।

उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा की आज राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर आपको राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं , बेहद दुःख के साथ महामहिम आपको अवगत कराना चाहता हूं की उत्तराखंड राज्य में विगत कुछ सालों से पत्रकारिता की आवाज दबाने का कुचक्र चलाया जा रहा है। पत्रकारों पर फर्जी आपराधिक मामले बिना जांच के दर्ज किए जा रहे है। निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों के अंदर भय का माहौल है राज्य के संवैधानिक एवं प्रमुख संरक्षक होने के नाते आपसे अपेक्षा की जाती है कि आपकी छत्रछाया में राज्य के पत्रकार निष्पक्ष निडर और बेवाक होकर राज्य हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। लोकतंत्र की मजबूती के लिए चौथे स्तंभ की रक्षा की अपेक्षा आप से की जाती है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में जिस तरह उत्तराखंड में हरिद्वार पत्रकार अहसान अंसारी, वंदना गुप्ता, देहरादून में उमेश शर्मा, राजेश बहुगुणा, शहजाद अली, आलोक शर्मा, हिमांशु कुशवाहा, धीरेंद्र प्रताप सिंह, राजेश शर्मा एवं प्रार्थी विक्रम श्रीवास्तव एवं राज्य भर में अन्य पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक मामलो में मुकदमें दर्ज हुए हैं जिनमें अधिकतर मामले फर्जी पाए गए हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि पत्रकारिता की आवाज को दबाने का कुचक्र चला जा रहा है। बीते 25 सितंबर 2021 को देहरादून थाना क्लेमेंट टाउन में प्रार्थी विक्रम श्रीवास्तव के खिलाफ क्रॉस FIR दर्ज हुई जिसमें 452 384 147 323 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन प्रार्थी विक्रम श्रीवास्तव के कहने के बावजूद भी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में नहीं लिया।

महामहिम आपसे अनुरोध है कि पत्रकारों की रक्षा करते हुए उत्तराखंड सरकार को निर्देशित करें कि उत्तराखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए।