बसपा सुप्रीमो ने राम अचल राजभर एवं रामजी वर्मा को पार्टी से निकाला, बसपा अब केवल 7 विधायकों की पार्टी

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर को बसपा से निष्कासित कर दिया है।

मायावती ने यह कार्रवाई इन नेताओं के एक राजनीतिक दल में शामिल होने को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही अटकलों के बीच की है। राम अचल राजभर व लालजी वर्मा बसपा शासनकाल में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं और पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं।

बसपा सुप्रीमों ने मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए लालजी वर्मा के स्थान पर आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को बसपा विधानमंडल दल का नेता नामित किया है। बसपा के सत्ता से बाहर होने के बाद भी पिछड़े वर्ग के ये दो बड़े नेता अभी भी बसपा में थे। रामअचल राजभर की राजभर समाज पर और लालजी वर्मा की कुर्मी समाज पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

राम अचल राजभर व लालजी वर्मा का निष्कासन इन नेताओं के लिए ही नहीं बसपा के लिए भी बड़ा झटका है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित बसपा में पहली कतार के सभी प्रमुख पिछड़े नेता या तो बसपा छोड़ चुके हैं या निष्कासित किये जा चुके हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा के 9 विधायक पहले से निलंबित चल रहे हैं। इन दो विधायकों के पार्टी से निष्कासन के बाद पार्टी के अब तक 11 विधायको को पार्टी से निकाला जा चुका है। यूपी में पार्टी के अब केवल 7 विधायक ही पार्टी में बचे हैं।

यह विधायक पहले से हैं निलंबित
1- असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)

2- असलम अली (ढोलाना-हापुड़)

3-मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)

4- हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)

5-हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)

6-सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)

7-वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)

8- अनिल सिंह (पुरवा-उन्नाव)

9- रामवीर उपाध्याय (सादाबाद-हाथरस)