नई दिल्ली। बिहार में भाजपा जनता दल यूनाईटेड गठबंधन टूट गया है। नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के एलान के साथ ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने नई सरकार के गठन के लिए 164 विधायकों के समर्थन का पत्र भी राज्यपाल को सौंपा। इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुनाव गया है। महागठबंधन के नेताओं के साथ हुई बैठक में इसका फैसला हुआ। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने आरजेडी नेता राबड़ी देवी से मुलाकात के दौरान कहा कि 2017 में जो हुआ, उसे भूल जाइए और एक नया अध्याय शुरू कीजिए।
इधर उपेंद्र कुशावाहा ने ट्वीट किया, “NDA से अलग होने के निर्णय से देश को फिर से रुढ़िवाद के दल-दल में धकेलने की साज़िश में लगी भाजपा के चक्रव्यूह से हम सब बाहर आ गए। यह निर्णय सिर्फ बिहार ही नहीं देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा।” वहीं बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में मैनडेंट बिहार में बीजेपी और जदयू को मिला था। प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया। बिहार की जनता को धोखा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता के जनादेश के साथ नीतीश कुमार ने धोखा किया। जनता माफ नहीं करेगी।