यूपी के कैबिनेट मंत्री गिट्टी चोरी मामले में दोषी करार, भनक लगते ही कोर्ट से हुए फरार

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को सरकारी गिट्टी चोरी के मामले में कोर्ट से सजा मिलने पर समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। कानपुर में आज एसीएमएम 3 कोर्ट ने 35 वर्ष पुराने मामले में राकेश सचान को सजा सुनाई तो उनकी पुरानी पार्टी यानी समाजवादी पार्टी को मंत्री राकेश सचान तथा भाजपा पर हमला बोलने का मौका मिल गया।

योगी आदित्यनाथ सरकार में खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, एवं वस्त्रोद्योग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एक कोर्ट ने 35 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार दिया और सजा सुनाई। कोर्ट का फैसला आने से पहले ही मंत्री राकेश सचान कोर्ट से गायब हो गए।

समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है। सपा ने ट्वीट किया है कि सजा सुनते ही मंत्री कोर्ट से फरार हो गए। अब योगी जी बताएं कि अपने इस सरकारी गिट्टीचोर फरार मंत्री के घर/द्वार/प्रतिष्ठान पर बुलडोजर कब चलाएंगे। बताएं योगीजी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कानपुर देहात के भोगिनीपुर से भाजपा के विधायक राकेश सचान को शनिवार को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया। उनके खिलाफ गिट्टी चोरी का मामला यहां कोर्ट में विचाराधीन था। शनिवार को कोर्ट में बहस के समय मंत्री राकेश सचान पेशी पर पहुंचे थे लेकिन फैसला आने से पहले वह कोर्ट से फरार हो गए। कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। सपा से वह 1993 व 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था। राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है। भाजपा ने राकेश सचान को कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की थी।

क्या है मामला
मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी।

धारा 389 में सजा का प्रावधान : किसी व्यक्ति को अपराध (जिसकी सजा मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास, या दस वर्ष तक कारावास है) का आरोप लगाने का भय दिखलाना। सजा – दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

धारा 411 में सजा का प्रावधान

चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना। इसमें सजा तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों हो सकती हैं। यह एक गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

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