नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की चुनावी प्रचार से लेकर रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार से सन्यास का ऐलान कर दिया है। अब वह पार्टी के लिए रणनीतिकार के रूप में काम नहीं करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में उन्होंने कहा कि ‘मैं जो कर रहा हूं उसे अब जारी नहीं रखना चाहता। मैंने काफी कुछ कर लिया है। अब मेरे लिए एक ब्रेक लेने का समय है और जीवन में कुछ और करना चाहता हूं। मैं यह स्पेस छोड़ना चाहता हूं।’ उनके ‘यह स्पेस छोड़ना चाहता हूं’ कहने का मतलब है कि वह अब चुनावी रणनीति बनाने का काम नहीं करना चाहते हैं।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि अगर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सीटें 100 के पार हुईं तो वह अपना काम छोड़ देंगे। बंगाल में भारतीय जनता पार्टी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। फिर भी उन्होंने सन्यास का ऐलान कर दिया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं, मगर दो कैंडिडेट के निधन की वजह से मतदान 292 सीटों पर हुआ है। जो पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े 147 सीटें को पार कर जाएगी, वही सरकार बनाने की दावेदारी पेश करेगी।
अभी तक टीएमसी दो सौ सीटों से आगे चल रही है। इसका मतलब है कि अगर नतीजों में बहुत कुछ बदलाव नहीं हुआ तो एक बार फिर से बंगाल में टीएमसी की सरकार बनेगी। पिछली बार यानी साल 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को 211 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 44, माकपा को 26 और भाजपा को महज 3 सीटें मिली थीं।