कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नदी भूमि पर अवैध कब्जों पर सुनवाई करते हुए सचिव राजस्व, देहरादून के डीएम सहित नगर आयुक्त और उपाध्यक्ष मसूरी दून प्राधिकरण को 10 नवम्बर को उच्च न्यायालय में उपस्थित होने को कहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय नारायण शर्मा की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खंडपीठ ने सुनवाई की।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता को नगर निगम देहरादून और सचिव राजस्व उत्तराखंड सरकार को पक्षकार बनाने की अनुमति दी है।
ग़ौरतलब है की अजय नारायण शर्मा द्वारा जनहित याचिका दाख़िल की गई, जिसमें उनके अधिवक्ता अभिजय नेगी ने माननीय उच्च नयायालय को अवगत कराया कि देहरादून के डांडा- लख़ौंड क्षेत्र में आमवाला की राउ नदी भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इस मामले में अपने पूर्व आदेश 10 मार्च 2021 को माननीय उच्च न्यायालय ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से ऐसे अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए कहा था।
इसको चिह्नित कर, एमडीडीए ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी दिए। अब उनपर कारवाई करने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने न्यायालय को अवगत कराया की इसका अधिकार ज़िला प्रशाशन को है।
मामले को गम्भीरता से लेते हुए न्यायालय ने सचिव राजस्व, देहरादून के ज़िलाधिकारी, नगर आयुक्त, उपाध्यक्ष मसूरी दून विकास प्राधिकरण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है।