Russia- Ukraine War : बहुत बुरी स्थिति में भारतीय छात्र, रेस्टोरेंट पर लगा ‘नो इंडियन अलाउड’ का बोर्ड

0
274

यूक्रेन में भारतीय छात्र बहुत बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं। सबसे खराब स्थिति उन छात्रों की है जो रोमेनिया बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं। घर कब जाएंगे यह पता नहीं है बॉर्डर पर ना रात गुजारने की कोई व्यवस्था है ना ही खाने पीने का इंतजाम। सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि बॉर्डर के आसपास जो रेस्टोरेंट है उन्होंने अपने ‘नो इंडियन अलाउड’ का बोर्ड लगा रखा है।

झांसी के रहने वाले डाक्टर एसएस सिंह जो कि इस समय महोबा के एक राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य हैं, उनका बेटा अखिल यूक्रेन में मेडिकल का छात्र है। हजारों अन्य बच्चों की तरह वह भी रोमेनिया बॉर्डर पर फंसा हुआ है। अखिल के अनुसार उनका लगभग डेढ़ सौ छात्रों का एक ग्रुप बस से रात भर का सफर तय करके रोमेनिया पहुंचा। बॉर्डर तक का लगभग 10 किलोमीटर का सफर इन लोगों ने पैदल तय किया। यहां सुबह 7:00 बजे बॉर्डर खुला तो केवल 60-70 बच्चे अंदर लिये गये और फिर से बॉर्डर को बंद कर दिया गया। उनको बताया गया कि शाम को दोबारा खुलेगा। दिक्कत यह है कि कोई रोस्टर शेड्यूल तय नहीं किया गया है कि कब कितने बच्चे बॉर्डर से पार किए जाएंगे। अभी लगभग 6000 बच्चे फंसे हुए हैं। अखिल ने बताया कि खाने के लिए बिस्किट थोड़े बहुत पैक्ड फूड तो है लेकिन खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे खराब बात तो यह है कि अगर कोई भारतीय वहां रेस्टोरेंट में जाकर खाना चाहे तो उसका स्वागत ‘नो इंडियन अलाउड’ के साइन बोर्ड से हो रहा है।

माइनस तापमान में कैसे गुजारें वक्त
रोमानिया में दिन का तापमान 2 या 3 डिग्री है और रात में यह माइनस में पहुंच जा रहा है। ऐसे में बॉर्डर के आसपास ना तो टेंट आदि की कोई व्यवस्था है और ना ही कोई शेल्टर होम जहां बच्चे रात गुजार सकें। ठिठुरती रात में खुले आसमान के नीचे रहने के अलावा इन बच्चो के पास कोई विकल्प नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here